प्रधानमंत्री 20-21 दिसंबर को पश्चिम बंगाल−असम का दौरा करेंगे

Date:


प्रधानमंत्री असम में लगभग 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20 दिसंबर को पश्चिम बंगाल की यात्रा पर जाएंगे। वे 20-21 दिसंबर को असम का दौरा करेंगे। सुबह लगभग 11 बजकर 15 मिनट पर प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के राणाघाट में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।प्रधानमंत्री लगभग 3,200 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और उनकी आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के बाराजागुली-कृष्णनगर मार्ग पर 66.7 किलोमीटर लंबे 4-लेन का उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के बारासात-बराजागुली मार्ग पर 17.6 किलोमीटर लंबे 4-लेन की आधारशिला भी रखेंगे।

ये परियोजनाएं कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के रूप में काम करेंगी। इन परियोजनाओं से यात्रा के समय में लगभग 2 घंटे की बचत होगी, निर्बाध यातायात के लिए वाहनों की तेज और सुगम आवाजाही सुनिश्चित होगी, वाहन संचालन लागत में कमी आएगी, और कोलकाता तथा पश्चिम बंगाल के अन्य पड़ोसी जिलों के साथ-साथ पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और पूरे क्षेत्र में पर्यटन के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20-21 दिसंबर को असम की यात्रा पर रहेंगे। 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी पहुंचकर लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का निरीक्षण और इसका उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

21 दिसंबर को सुबह लगभग 9:45 बजे, प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद, वे असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप जाएंगे, जहां वे असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया परियोजना के लिए भूमि पूजन करेंगे। वे इस अवसर पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे।

20 दिसंबर को प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, यह असम की कनेक्टिविटी, आर्थिक विस्तार और वैश्विक जुड़ाव में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि सिद्ध होगा।

लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित नवनिर्मित एकीकृत नया टर्मिनल भवन, रनवे, एयरफील्ड सिस्टम, एप्रन और टैक्सीवे में किए गए बड़े उन्नयन के समर्थन से, प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ तैयार किया गया है।

भारत का पहला प्रकृति-विषय से जुड़ा यह हवाई अड्डा टर्मिनल, असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसका विषय “बांस के उद्यान” है। टर्मिनल में पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का अभूतपूर्व उपयोग किया गया है, जो काजीरंगा से प्रेरित हरे-भरे परिदृश्य, जापी आकृतियां, प्रतिष्ठित गैंडे का प्रतीक और कोपो फूल को प्रतिबिंबित करने वाले 57 बाग-विषय वाले स्तंभों से पूरित है। एक अनूठा “आकाश वन”, जिसमें लगभग एक लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे हैं और यह यहां आने वाले यात्रियों को वन जैसा अनुभव प्रदान करता है।

यह टर्मिनल यात्रियों की सुविधा और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करता है। तेज़ और सहज सुरक्षा जांच के लिए फुल-बॉडी स्कैनर, डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा, स्वचालित सामान प्रबंधन, त्वरित आव्रजन और एआई-संचालित हवाई अड्डा संचालन जैसी सुविधाएं निर्बाध, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुनिश्चित करती हैं।

21 दिसंबर की सुबह नामरूप जाने से पहले, प्रधानमंत्री शहीद स्मारक क्षेत्र का दौरा करेंगे और ऐतिहासिक असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह छह वर्ष लंबा जन आंदोलन था जिसने विदेशियों से मुक्त असम और राज्य की पहचान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को मूर्त रूप दिया।

बाद में दिन में, प्रधानमंत्री असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के वर्तमान परिसर के भीतर स्थित नई ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना का भूमिपूजन करेंगे।

प्रधानमंत्री के किसान कल्याण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश वाली यह परियोजना असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूर्ण करेगी, आयात पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ पर्याप्त रोजगार सृजित करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी। यह औद्योगिक पुनरुद्धार और किसान कल्याण की आधारशिला है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

कोसी नदी के तट पर बन रहा 13.3 किलोमीटर लंबा पुल अब निर्माण के अंतिम चरण में

कोसी नदी के तट पर बन रहा  13.3 किलोमीटर लंबा...

बड़े डेवलपर्स को लो-कॉस्ट हाउसिंग की दिशा में भी आगे आना होगा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श् अमित शाह ने...

स्वच्छ ऊर्जा अब केवल एक नीतिगत बहस नहीं, बल्कि जीवन शैली है: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ....
en_USEnglish