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​मस्कट में मोदी का संबोधन: “नया भारत बड़े सपने देखता भी है और उन्हें पूरा भी करता है”

​मस्कट (ओमान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ओमान यात्रा के दौरान मस्कट के सुल्तान काबूस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हजारों की संख्या में उमड़े भारतीय प्रवासियों और छात्रों को संबोधित किया। “मोदी-मोदी” के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने भारत और ओमान के बीच के ऐतिहासिक संबंधों को एक नई ऊंचाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और ओमान के रिश्ते केवल व्यापारिक समझौतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हजारों साल पुराने साझा विश्वास और संस्कृति की नींव पर टिके हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब एक ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है और बहुत जल्द विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने जा रहा है।

​आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक नेतृत्व

​प्रधानमंत्री के संबोधन का सबसे प्रमुख हिस्सा भारत की बदलती वैश्विक छवि पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया संकटों से जूझ रही है, तब भारत एक ‘विश्व मित्र’ के रूप में उभर रहा है। उन्होंने प्रवासियों को बताया कि कैसे भारत ने डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व किया है। पीएम ने कहा, “आज भारत का यूपीआई (UPI) केवल देश के भीतर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है और जल्द ही ओमान के साथ हमारे डिजिटल भुगतान के रिश्ते और भी मजबूत होंगे।”
​उन्होंने भारतीय छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें ‘अमृत पीढ़ी’ बताया और कहा कि भारत में स्टार्टअप्स का इकोसिस्टम जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह युवाओं की महत्वाकांक्षाओं का परिणाम है। पीएम ने जोर दिया कि भारत अब रक्षा निर्यात, अंतरिक्ष तकनीक और सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर होने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है, जिससे आने वाले समय में दुनिया की निर्भरता भारत पर बढ़ेगी।

​प्रवासियों की सुरक्षा और कल्याण सर्वोपरि

​संबोधन के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री ने खाड़ी देशों में रहने वाले लाखों भारतीयों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय न केवल भारत के लिए विदेशी मुद्रा भेजते हैं, बल्कि वे भारत की संस्कृति और मूल्यों के सच्चे संवाहक (राजदूत) भी हैं। मोदी ने ओमान के सुल्तान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय समुदाय को ओमान में जो सम्मान और सुरक्षा मिली है, वह दोनों देशों के प्रगाढ़ होते संबंधों का प्रमाण है।
​उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने ‘ई-माइग्रेट’ पोर्टल और दूतावासों में सुधार करके प्रवासियों की समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को सरल बनाया है। प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि चाहे संकट का समय हो या सामान्य स्थिति, भारत सरकार अपने नागरिकों के साथ हर पल खड़ी है। उन्होंने हाल के वर्षों में खाड़ी देशों के साथ हुए समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि अब भारतीय कामगारों और पेशेवरों के लिए यहां अवसर और सुरक्षा दोनों बढ़े हैं।

​सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की रूपरेखा

​रिपोर्ट के अंतिम भाग में, प्रधानमंत्री ने भारत और ओमान के बीच के सांस्कृतिक सेतु का उल्लेख किया। उन्होंने मस्कट में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर और द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि यह विविधता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जड़ों को भूले बिना आधुनिकता को गले लगा रहा है। प्रधानमंत्री ने मस्कट में मौजूद छात्रों से अपील की कि वे शिक्षा के साथ-साथ नवाचार (Innovation) पर ध्यान दें और भारत की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार बनें।
​प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है और इसमें विदेशों में रहने वाले भारतीयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को दोहराते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी मेहनत से भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन करते रहें। इस संबोधन ने न केवल ओमान में रहने वाले भारतीयों में नई ऊर्जा का संचार किया, बल्कि खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के सामरिक संबंधों को एक नई दिशा भी प्रदान क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ओमान दौरे का आज दूसरा दिन है। आज पीएम मोदी की मौजूदगी में भारत-ओमान के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समझौते से 21वीं सदी में भारत-ओमान की साझेदारी में नया विश्वास और उत्साह का संचार होगा।


पीएम मोदी ने भारत-ओमान बिजनेस फोरम के कार्यक्रम के दौरान कहा, भारत-ओमान साझेदारी को ये सम्मेलन नई दिशा, नई गति देगा और दोनों देशों के संबंध नई बुलंदियों पर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, सभ्यता के आरंभ से ही हमारे पूर्वज एक दूसरे के साथ समुद्र के जरिए व्यापार करते रहे हैं। मांडवी और मस्कट के बीच अरब सागर एक मजबूत पुल बना। इस पुल ने हमारे रिश्तों को मजबूत किया और संस्कृति और अर्थव्यवस्था को ताकत दी। आज हम कह सकते हैं कि समुद्र की लहरें बदलती हैं, मौसम बदलते हैं, लेकिन भारत और ओमान की दोस्ती हर मौसम में मजबूत होती है। 

प्रधानमंत्री ने कहा हमारा रिश्ता विश्वास की नींव पर बना है और समय के साथ गहराता चला गया है। हमारे कूटनीतिक संबंधों को 70 साल हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हम ऐतिहासिक फैसला ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता 21वीं सदी में हमारी साझेदारी को नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा। इससे व्यापार को नई गति मिलेगी और निवेश का भरोसा बनेगा।’ 

पीएम मोदी ने कहा बीते 11 वर्षों में भारत ने न सिर्फ नीतियां ही नहीं बदली हैं बल्कि भारत ने अपना आर्थिक डीएन ही बदल दिया है। जीएसटी ने भारत को एकीकृत बाजार में बदल दिया है और दिवालिया संहिता से पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है। 

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