सॉफ्ट स्किल्स, वित्तीय साक्षरता और स्टार्टअप

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देवेंद्र जोशी
आजकल भारत की किशोर आबादी के विचारों में आने वाला परिवर्तन इनके बीच जाकर संवाद करने से महसूस किया जा सकता है। आज का किशोर यानी भविष्य का युवा इस ग्लोबलाइजेशन के दौर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना चाहता है, वह परंपरागत विषयों से हटकर ऐसे नवाचार करना चाहता है जिससे उसके ज्ञान और पहल की सार्थकता सिद्ध हो सके। हाल ही में इन पंक्तियों के लेखक को एक प्रतिष्ठित स्कूल के बच्चों को संबोधित करने का अवसर मिला। संबोधन के बाद एक दसवीं क्लास का छात्र मेरे पास आया वह अपनी क्लास का टॉपर है और स्टार्टअप में अपना भविष्य देख रहा है। उस किशोर का मानना है कि पर्यटन स्थलों पर जाने वाले लोगों के पास एक्स्ट्रा सामान मसलन हैंडबैग, पर्स और खाने पीने का अतिरिक्त सामान एक बोझ की तरह से होता है अगर हमारी कंपनी वह सामान उसके घर तक सुविधाजनक कीमत में पहुंचा दे तो उसके पर्यटन का मजा खराब नहीं होगा। एक किशोर के मस्तिष्क में उपजे इस प्रकार के नवाचार को देखकर बड़ा अच्छा लगा मैंने उससे पूछा कि वह इतने अच्छे अंक लाकर डॉक्टर या इंजीनियर क्यों नहीं बनना चाहता, उसका जवाब था कि मैं चाहता हूं कि मैं बहुत से लोगों को रोजगार प्रदान करूं ।
ज्ञान और स्किल पर आधारित भविष्य का समाज मुख्यतः चार कॉन्सेप्ट के इर्द-गिर्द ही बनता हुआ प्रतीत होता है , सबसे पहले हम सॉफ्ट स्किल से बने व्यक्तित्व की बात करें तो आत्मविश्वास , इमोशनल मैनेजमेंट, नेतृत्व क्षमता ,टीमवर्क और समस्या समाधान के साथ-साथ अपने तनाव का करने वाला युवा भविष्य में किसी प्रकार के मानवीय संसाधन को नेतृत्व देगा | आज भी जब हम किसी बड़ी कंपनी की चयन प्रक्रिया को देखते हैं तो इन गुणों को वरीयता नियोक्ता देते हैं |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भविष्य में एक बड़ी ताकत के रूप में देखा जाता है ऐसे में आज का विद्यार्थी अपने समय प्रबंधन , प्रोजेक्ट निर्माण, प्रश्न पत्र तैयार करने और अपने उत्तर को औरों से बेहतर बनाने के साथ-साथ कठिन विषयों को सरलतम तरीके से समझने में इस तकनीक का प्रयोग कर रहा है | कंटेंट बनाना आज विद्यार्थी के लिए बहुत बड़ी चुनौती नहीं रह गया है |
इस आर्थिक युग में वित्तीय साक्षरता को दरकिनार नहीं किया जा सकता ऐसे में छोटी उम्र से ही बचत करना, निवेश के नए-नए तरीके सीखना, अपना और परिवार का बजट बनाना, वित्तीय धोखाधड़ी से बचना और आय के नए-नए साधनों को अर्जित करना आज किशोर सीखने लगे हैं |
और अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि भारत जैसे विकासशील देश में आज का युवा स्टार्टअप की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है| हमारे इस विविधता पूर्ण समाज में किसी भी प्रोडक्ट के हिट होने या किसी भी विचार को नवाचार बनाने की अनंत संभावना है ऐसे में सरकारी सहायता और बड़ी आसानी से मिलने वाला लोन इन युवाओं के सपनों को पंख दे रहा है | कुल मिलाकर हम अपने आसपास होने वाले इस सामाजिक परिवर्तन को महसूस कर पा रहे हैं और भविष्य की बड़ी ही खूबसूरत तस्वीर हमारे सामने हमारी युवा पीढ़ी बना रही है यह बहुत सुखद और आनंद दायक है।

देवेंद्र जोशी
शिक्षाविद् एंव लेखक

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