राष्ट्रपति ने विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण) : वीबी–जी राम जी (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक, 2025 को आज अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है, जो ग्रामीण रोज़गार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह अधिनियम ग्रामीण परिवारों के लिए प्रति वित्तीय वर्ष मज़दूरी रोज़गार की वैधानिक गारंटी को 125 दिनों तक बढ़ाता है और सशक्तिकरण, समावेशी विकास, योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेस) तथा परिपूर्ण (सेचूरेशन) तरीके से सेवा–प्रदाय को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है, जिससे समृद्ध, सक्षम और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की नींव मजबूत होती है।
इससे पूर्व, संसद ने विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 पारित किया था, जिसने भारत के ग्रामीण रोज़गार और विकास ढांचे में एक निर्णायक सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है। यह अधिनियम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005 (महात्मा गांधी नरेगा) को प्रतिस्थापित करते हुए आजीविका सुरक्षा को सुदृढ़ करने वाला एक आधुनिक वैधानिक ढांचा प्रदान करता है, जो विकसित भारत@2047 के राष्ट्रीय विज़न के अनुरूप है।
सशक्तिकरण, विकास, कन्वर्जेंस और परिपूर्णता (सेचूरेशन) के सिद्धांतों पर आधारित यह अधिनियम ग्रामीण रोज़गार को केवल एक कल्याणकारी योजना से आगे बढ़ाकर विकास का एक एकीकृत माध्यम बनाता है। यह ग्रामीण परिवारों की आय सुरक्षा को सुदृढ़ करता है, शासन और जवाबदेही को आधुनिक बनाता है तथा मज़दूरी रोज़गार को टिकाऊ और उत्पादक ग्रामीण परिसंपत्तियों के सृजन से जोड़ता है, जिससे समृद्ध एवं सक्षम ग्रामीण भारत की नींव और अधिक मजबूत होती है।


