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भारतीय रेल ने उर्वरक लोडिंग में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

भारतीय रेल ने उर्वरक लोडिंग में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिससे देश भर के किसानों को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।चालू वित्त वर्ष में अब तक भारतीय रेल ने 17,168 उर्वरक रैक लोड किए हैं, जिससे ग्रामीण आजीविका और खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिली है।

भारतीय रेल भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पूरे देश में उर्वरकों की सुचारू और समय पर आवाजाही सुनिश्चित करता है। इस वर्ष 30 नवंबर तक उर्वरक की लोडिंग 17,168 रेक तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के 15,369 रेक की तुलना में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि है। यह वृद्धि रेलवे नेटवर्क के कुशल संचालन को दर्शाती है।

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसानों को बुवाई के लिए समय पर उर्वरकों की आवश्यकता होती है। इसे ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेल ने उर्वरक और खाद्यान्न ले जाने वाली ट्रेनों को प्राथमिकता दी है। इससे देश भर के राज्यों में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।

आवश्यक माल ढुलाई सेवाओं को मजबूत करके रेलवे लाखों किसानों की मदद कर रहा है। यह ग्रामीण आजीविका, खाद्य सुरक्षा और समग्र आर्थिक स्थिरता को भी बढ़ावा दे रहा है। यह प्रदर्शन भारतीय रेल की राष्ट्र निर्माण के प्रति संकल्‍प और भारत की कृषि आपूर्ति श्रृंखला को समर्थन देने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। उर्वरक रैकों की प्राथमिकता के आधार पर आवाजाही करके, रेलवे किसानों को निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने में मदद करता है, जिससे वे बिना किसी देरी के कृषि कार्य कर सकें। समय पर आपूर्ति होने से फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ खेती की आय में वृद्धि होती है और खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है। रेल परिवहन कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम करता है और एक पर्यावरण के अनुकूल तथा अधिक विश्वसनीय रसद समाधान प्रदान करता है।

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