आगाज़ तो अच्छा है अंजाम खुदा जाने
बाल मुकुन्द ओझा
राजस्थान में भजनलाल सरकार 15 दिसम्बर 2025 को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे करने जा रही है। भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर 2023 को अपने जन्मदिन के दिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ ली थी। किसी भी सरकार की गति, प्रगति और अर्जित उपलब्धियों के लेखे जोखे के लिए हालांकि दो साल पर्याप्त माने जा सकते है। सत्ता पक्ष इसे उपलब्धियों से भरा हुआ बता रहा है, वहीं विपक्ष का कहना है कि पिछले दो साल में सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। भजनलाल सरकार का दावा है कि हम जनता के सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं और प्रदेश के विकास का पहिया बिना रुके, बिना थमे आगे बढ़ रहा है। चुनाव के समय जनता से किए गए 392 संकल्पों में से 274 या तो पूरे किए जा चुके हैं या प्रगति पर हैं। वहीं विपक्ष ने दो साल के शासन को विफलताओं से भरा करार दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है इस अवधि में भ्रष्टाचार और और दुष्कर्म के अपराधों में प्रदेश सिरमौर है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने में सरकार विफल रही है। चहुंओर अराजकता का माहौल है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि यह समय ड्रामा, नाकामियों और अधूरे वादों से भरा रहा।
राजस्थान सरकार अपने कार्यकाल के दो साल की उपलब्धियों का ढोल ढमाकों के साथ जश्न मनाने जा रही है। यह कोई नई बात नहीं है, हर सरकार अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाती आई है तो भजन लाल सरकार क्यों पीछे रहेगी। मगर देखने समझने की बात तो यह है कि क्या जनता इन उपलब्धियों से संतुष्ट है। एक जनकल्याणकारी सरकार का दायित्व है, जनता को स्वच्छ प्रशासन मिले। सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था आदि की आधारभूत सुविधा बिना रोकटोक और आसानी से मिले। सरकारी दफ्तरों में उनके वाजिब काम हो। अब यह जनता को देखना है कि उसे इन कल्याणकारी कार्यों की सुविधाएं समयबद्धता से मिल रही है या नहीं।
मुख्यमंत्री प्रदेश के आर्थिक विकास और आधारभूत ढांचे को जन आंकाक्षाओं के अनुरूप मजबूत बनाने में जुटे हैं। अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर मुख्यमंत्री ने कहा है, हमने जनता-जनार्दन से जो काम पांच साल में पूरे करने का वादा किया था उनमें से 70 प्रतिशत कार्य केवल दो वर्ष में ही पूरे किए जा चुके हैं। दो वर्षों की बजट घोषणाओं में से 73 प्रतिशत घोषणाएं या तो पूर्ण हो चुकी है या प्रगतिरत हैं। हमारी सरकार ने राज्य की प्राथमिकताओं को समझते हुए पानी- बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। हमने किसान को अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता बनाया है तथा ऊर्जा में किए गए नवाचारों से अब हम प्रदेश के 22 जिलों में दिन में बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 9 हजार रुपये की राशि दी जा रही है जिसे आगामी समय में चरणबद्ध रूप से 12 हजार रुपये किया जाएगा। दो साल के कार्यकाल में अब तक एक भी पेपरलीक नहीं हुआ है। लगभग 92 हजार सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं और 20 हजार युवाओं को इसी माह में नियुक्तियां दी जाएंगी। पांच साल में चार लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी । राइजिंग राजस्थान के माध्यम से 35 लाख करोड़ के एमओयू किए गए जिनमें से 8 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग की जा चुकी है। सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में ढाई लाख रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। आगामी समय में युवाओं के लिए युवा पॉलिसी लाई जा रही है। सरकार चाहती हैं कि युवा रोजगार प्राप्त करने के साथ रोजगार प्रदाता भी बनें।
सरकार का दावा है कि इस अवधि में सरकार लगातार जनता के बीच गई और जन हितैषी कार्यों को अमलीजामा पहनाया। इस अवधि में भजनलाल सरकार के किसी भी मंत्री के दामन पर कोई दाग नहीं लगा, हालांकि अधिकारियों की कार्यशैली पर अवश्य सवालिया निशान लगे। सरकार के दावे के विपरीत विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने 2 साल में कुछ नहीं किया जिससे हर वर्ग दुखी और परेशान है। कानून व्यवथा छिन्न भिन्न है। रोजगार देने का वादा पूरा नहीं हुआ है। आमजन बेहाल है ऐसे में खुशहाली की बात करना जनता के जख्मों पर नमक छिड़कना है। कांग्रेस ने भजनलाल सरकार को पर्ची सरकार घोषित किया मगर इसी पर्ची सरकार ने दो साल में राजस्थान को अग्रिम पंक्ति का राज्य बनाने के लिए न केवल नीतिगत सुधारों की पहल की अपितु आम नागरिक के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए हैं।
आम आदमी की सोच है प्रदेश के बहुमुखी विकास में तीन चीजें बाधक बनी हुई है। भ्रष्टाचार, लालफीताशाही और कुशासन प्रगति और विकास के दुश्मन के रूप में उभरे है। जब तक इन पर काबू नहीं पाया जायेगा तब तक विकास और प्रगति एकांगी होगी। हर सरकार लोक कल्याण का वादा करती है मगर लोक कल्याण के मार्ग में अवरोध बने इन कारकों को समाप्त करने की दिशा में कोई ठौस कारवाही नहीं करती। चूँकि राजनेताओं के हित इनसे जुड़े है इसलिए इन बुराइयों को समाप्त नहीं किया जा सकता। जब तक समाज से यह बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं होगी, हम भ्रष्टाचार की गंगा में गोते लगते रहेंगे।
बाल मुकुन्द ओझा
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
डी 32, मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर