
वीरेन्द्र सक्सेना का जन्म 25 नवंबर 1960 में उत्तर प्रदेश मथुरा, में हुआ। वे भारतीय थिएटर, फिल्म और टेलीविजन अभिनेता हैं। वे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र भी हैं। सक्सेना को उनके चरित्र अभिनय और अद्वितीय आवाज के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्में कीं। फिल्मी जगत से लेकर टीवी की दुनिया तक वीरेंद्र सक्सेना ने फैंस के दिलों में अपनी एक जगह बनाई. सिनेमा की दुनिया में उन्होंने अपने हुनर के बल पर अपनी एक पहचान बनाई।
कम उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, जिसके बाद से ही उन्होंने कमाना शुरू कर दिया था। सबसे पहले उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढाए, लेकिन बाद में वो दिल्ली आ गए और वहां राजा महेंद्र प्रताप के सेक्रेटरी, बने। जहां पर उन्हें चिट्ठी लिखनी पड़ती थी, लेकिन इसी बीच उनको एक छोटा रोल हासिल हो गया और फिर उनका मन फिल्मी दुनिया में लग गया हालांकि, स्ट्रगल के दौरान एक्टर ने पेंटिंग का भी काम किया।
वे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिल हुए और थिएटर शुरू कर दिया। कुछ वक्त के बाद वे मुंबई आ गए और उन्होंने टीवी सीरियल में काम किया, फिर उनकी लोगों के बीच पहचान बननी शुरू हुई।
उन्होंने 1975 में “उलझन” से फ़िल्मी करियर की शुरुआत की । लेकिन उन्हें पहली पहचान 1985 की फ़िल्म ” मैसी साहब ” से मिली । उन्होंने आशिकी (1990), धारावी (1992), दिलवाले (1994), कभी हां कभी ना (1994), स्प्लिट वाइड ओपन (1999), साथिया (2002), समय: व्हेन टाइम स्ट्राइक्स (2003), बंटी और बबली (2005), सरकार (2005), एक चालीस की लास्ट लोकल (2007),जैसी भारतीय फिल्मों में अभिनय किया है। वेडनसडे (2008), द स्टोनमैन मर्डर्स (2009) और नाम शबाना (2017), रब्बी (2017), सोनू के टीटू की स्वीटी (2018) और सुपर 30 (2019) और कुछ अंग्रेजी भाषा की फिल्में जैसे व्हाइट रेनबो , कॉटन मैरी और इन कस्टडी की हैं। उनके द्वारा अभिनीत प्रमुख टीवी धारावाहिकों में अजनबी और जस्सी जैसी कोई नहीं शामिल हैं ।
उन्होंने टेलीविजन तारिका समता से विवाह किया और अब दोनों मुम्बई में रहते हैं।
सक्सेना ने विभिन्न प्रमुख अभिनेताओं जैसे शाहरुख खान, आमिर खान, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, जॉन अब्राहम, ओम पुरी और अन्यों के साथ काम किया है और अपनी एक्टिंग को लेकर उन्होंने दर्शकों से काफी तारीफें बटोरी हैं।
रजनीकांत शुक्ला