
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमाएं कभी भी बदल सकती हैं और हो सकता है कि सिंध फिर भारत में लौट आए। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने सिंध के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को याद किया।
सिंध क्षेत्र 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चला गया था। वहां रहने वाले ज्यादातर सिंधी हिंदू भारत आ गए। राजनाथ सिंह ने कहा कि एलके आडवाणी ने अपनी किताब में लिखा है कि उनकी पीढ़ी के सिंधी आज भी सिंध के भारत से अलग होने को स्वीकार नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने बताया कि भारत के हिंदुओं के लिए सिंधु नदी हमेशा पवित्र रही है और सिंध के कई मुसलमान भी इसकी पवित्रता को आब-ए-जमजम जितना पवित्र मानते थे।
इससे पहले, 22 सितंबर को मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में, राजनाथ सिंह ने पीओके पर भी विश्वास जताया था। उन्होंने कहा था कि भारत को कोई आक्रामक कदम उठाए बिना ही पीओके वापस मिल जाएगा, क्योंकि पीओके के लोग खुद ‘कब्जा करने वालों से आजादी’ की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पीओके अपने आप हमारा होगा। पीओके में मांगें उठनी शुरू हो गई हैं, आपने नारे सुने होंगे।’
राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारत ने आतंकवादी ढांचे और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इस दौरान कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि भारत को पीओके में आगे बढ़कर उस क्षेत्र को सुरक्षित कर लेना चाहिए जो भारत का है।