मध्य प्रदेश में भोपाल से जबलपुर को जोड़ने वाला और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले इस हाईवे के करीब दो किलोमीटर हिस्से को लाल रंग की विशेष उभरी हुई मार्किंग से सजाया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने नरसिंहपुर–जबलपुर के बीच स्थित अति संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्र में एक ऐसी तकनीक अपनाई है, जो यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति की रक्षा भी कर रही है।
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले इस हाईवे के करीब 2 किलोमीटर हिस्से को लाल रंग की विशेष उभरी हुई मार्किंग से सजाया गया है। सड़क पर की गई इस पांच मिमी मोटी ‘रेड लेयर’ पर वाहन के गुजरते ही हल्का झटका लगता है, जिससे ड्राइवर की रफ्तार अपने आप नियंत्रित हो जाती है।
सड़क पर बिछा यह लाल रंग यात्रियों को संकेत देता है कि वे एक ‘डेंजर ज़ोन’ में प्रवेश कर चुके हैं। यही कारण है कि वाहन चालक स्वाभाविक रूप से गति कम कर देते हैं। इसकी खूबसूरती और अनोखेपन से प्रभावित होकर स्थानीय लोग और यात्री इसे प्यार से ‘रेड कार्पेट रोड’ कहते है।
यहां पर 25 अंडरपास (पुलिया) बनाए गए हैं, ताकि बाघों समेत अन्य जंगली जानवर बिना किसी खतरे के हाईवे के नीचे से सुरक्षित आवाजाही कर सकें। यह इलाका पहले वन्यजीवों की लगातार मूवमेंट के कारण बड़ा ‘ब्लैक स्पॉट’ माना जाता था।
करीब 122.25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई 11.96 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में सड़क को 2 लेन से 4 लेन किया गया है। उद्देश्य साफ है—यात्रियों की जान बचाना और जंगल के निवासियों के लिए सुरक्षित गलियारा सुनिश्चित करना।


