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इंडिया पोस्ट नेटवर्क के महत्वपूर्ण विस्तार और आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला

संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा को संबोधित करते हुए विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क, इंडिया पोस्ट को मजबूत और आधुनिक बनाने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की।

श्री सिंधिया ने बताया कि भारतीय डाक वर्तमान में देशभर में 1.64 लाख डाकघरों का संचालन कर रही है, जिन्हें 2.78 लाख समर्पित ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) का सहयोग प्राप्त है। उनकी अमूल्य सेवा को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण डाक सेवक दिन-रात न केवल कामकाज के लिए, बल्कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भावनाओं को पहुंचाने के लिए भी अथक परिश्रम करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हासिल किए गए परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 11 वर्षों में इंडिया पोस्ट को मजबूत करने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया है। प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:

सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि पर्याप्त प्रगति हासिल की गई है, लेकिन इंडिया पोस्ट के स्वामित्व वाले शेष 25,000 डाकघरों के नवीनीकरण के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी।

भविष्य की ओर बढ़ते हुए, केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि इंडिया पोस्ट संचालन को आधुनिक बनाने और सुव्यवस्थित करने के लिए एक व्यापक बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग (बीपीआर) पहल शुरू कर रहा है। इससे प्रथम-मील, मध्य-मील और अंतिम-मील वितरण प्रणालियों में सुधार होगा , जिससे करोड़ों नागरिकों के लिए ये प्रणालियाँ तेज़, अधिक सेवा-उन्मुख और डिजिटल रूप से सक्षम बनेंगी।

उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया पोस्ट स्वचालन को अपना रहा है और दुनिया के अग्रणी लॉजिस्टिक्स वाहकों में से एक के रूप में उभरने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन कर रहा है।

सरकार डाक नेटवर्क को मजबूत करने, सेवा वितरण को बेहतर बनाने और इंडिया पोस्ट को देश के लिए एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी-संचालित लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में परिवर्तित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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