
बाल मुकुन्द ओझा
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस हर साल 26 नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह भारत की अर्थव्यवस्था और पोषण सुरक्षा में डेयरी क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालता है। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस केवल दूध का उत्सव नहीं है अपितु यह उन लोगों और प्रक्रियाओं के लिए एक श्रद्धांजलि है जो इस आवश्यक भोजन को हमारी मेज तक लाते हैं। यह स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिरता और सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने में दूध की भूमिका को रेखांकित करता है। यह डेयरी किसानों की कड़ी मेहनत की सराहना करने और स्थायी उपभोग प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध होने का अवसर है। एक अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार दूध के उत्पादन एवं उत्पादकता में स्वतंत्रता के बाद से सर्वाधिक वृद्धि हुई है। भारत दूध उत्पादन में दुनिया में अग्रणी बना हुआ है। भारत का दूध उत्पादन दुनिया की कुल सप्लाई का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। पिछले एक दशक में भारत के दूध उत्पादन में रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की गई है। 2014-15 में उत्पादन 146.30 मिलियन टन था, जो 2023-24 में 239.30 मिलियन टन तक पहुँच गया। यह 63.56 प्रतिशत की वृद्धि है, यानी लगभग 5.7 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर। यह ग्रोथ दर बताती है कि भारत ने लगातार डेयरी क्षेत्र को मजबूत बनाने पर काम किया है। भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, बल्कि यहां की बड़ी आबादी की पोषण ज़रूरतें भी काफी हद तक दूध और उससे बने उत्पादों पर निर्भर करती हैं।
दूध हर उम्र के लोगों के लिए अमृत समान है। दूध स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक और संपूर्ण आहार है। गर्म दूध के सेवन से कई फायदे मिलेंगे। दूध को गर्म करने से इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व कई गुना बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में गर्म दूध के अनेक फायदे बताये गए है। विशेषकर सर्द मौसम में गर्म दूध का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। एक स्टडी के मुताबिक हर रोज एक गिलास गर्म दूध पीने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दूध में लौंग अथवा हल्दी को मिलाकर पीने से कई लाभ हो सकते हैं। एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक दूध और लौंग कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। दूध फॉस्फोरस, मैग्नशियिम, आयोडीन, वटिामनि ए, डी, के से भरपूर होते हैं तो वहीं लौंग में कॉर्बोहाइड्रेट, आयरन, सोडयिम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। आयुर्वेद के अनुसार हल्दी मिला दूध अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता। साथ ही शरीर के दर्द में आराम देता है। हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें। अच्छी नींद, वजन कम, सर्दी-खांसी दूर ,ब्लड सर्कुलेशन आदि का कार्य भी करता है। लौंग वाले दूध के लिए बताया जाता है यह गले के लिए फायदेमंद, शरीर में एनर्जी, कब्ज की समस्या से राहत, मुंह की बदबू दूर करने में सहायक और दांतों के दर्द से राहत का काम करेगा।
इंटरनेशनल डेयरी जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग रोजाना कम से कम एक ग्लास दूध पीते हैं वे हमेशा मानसिक और बौद्धिक तौर पर बेहतर स्थिति में होते हैं। शाकाहारी हो या मांसाहारी, बच्चा हो या बुर्जुग सभी वर्ग के लोग दूध सेवन कर सकते हैं। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार गाय का दूध और उससे बनी चीजें, जैसे पनीर, दही, मक्खन बड़ी मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन प्रदान करते हैं, जो संतुलित आहार के लिए जरूरी हैं। कैल्शियम और प्रोटीन के अलावा दूध में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं। यह विटामिन ए और डी का बेहतर स्रोत है। आयुर्वेद के अनुसार गाय का दूध सबसे अधिक पौष्टिक होता है। दूध आपकी भूख को शांत कर आपको मोटापे से भी छुटकारा दिलाने में बहुत सहायक होता है। दूध अपने आप में एक सम्पूर्ण आहार है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं और दिमाग तेज होता है इसीलिए घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर डॉक्टर्स तक रोजाना दूध पीने की सलाह देते हैं
भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में 18 प्रतिशत हिस्सा है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में कृषि के बाद डेयरी उद्योग की प्रमुख भूमिका है। आजादी के बाद से दूध उत्पादन में यह सबसे अधिक वृद्धि है। भारत में प्रत्येक वर्ष दूध उत्पादन 5.9 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ रहा है, जबकि दुनिया में दूध की औसत वृद्धि दर मात्र दो प्रतिशत प्रतिवर्ष है। भारत के दूध की विदेशों में भी मांग बढ़ने लगी है। लगभग डेढ़ सौ देशों में भारत के डेयरी प्रोडक्ट की मांग है। पिछले वर्ष 65 लाख टन डेयरी प्रोडक्ट का निर्यात हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था में डेयरी सेक्टर का पांच प्रतिशत का योगदान है। लगभग आठ करोड़ लोगों के रोजगार का साधन भी है। सरकार दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने और डेयरी को अधिक लाभकारी बनाने के लिए प्रयासरत है। नई योजना से देसी नस्लों के पशुओं की संख्या और दूध की उपलब्धता में वृद्धि हो रही है।
बाल मुकुन्द ओझा
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
डी 32, मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर