मौसम का गजब नज़ारा :ग्रीष्म ऋतु लंबी होती जा रही हैं और सर्दियां छोटी

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बाल मुकुन्द ओझा

देश में मौसम के अज़ब गजब नज़ारे देखने को मिल रहे है। दिसंबर का महीना शुरू हो गया है मगर ठण्ड और सर्दी ने अभी अपने पारम्परिक तेवर नहीं दिखाए है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 10 दिन तक राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में शीतलहर का सिलसिला शुरू होगा, जिससे न्यूनतम तापमान में कमी आएगी सर्दी में इजाफा होगा। अब सुबह के वक्त कोहरा परेशान करेगा। उधर, दक्षिण भारत में समुद्री तूफान दित्वा के प्रभाव से तमिलनाडु में आफत की आंधी-बारिश होगी। इसका असर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में भी रहेगा। पूर्वोत्तर के राज्यों में भी बारिश को लेकर अलर्ट है। हालांकि दिन में धूप निकलने की वजह से ठंड का असर कम देखने को मिल रहा है। सर्दी का मौसम देश में आमतौर पर नवम्बर से लेकर जनवरी के अंत तक होता है। शीत ऋतु सभी ऋतुओं में सबसे ठंडी होती है। जनवरी के महीने में तो तापमान जमाव बिंदु के नीचे तक गिर जाता है। इस समय सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है। ठंडी से बचने के लिए लोग गर्म और ऊनी वस्त्र पहनते हैं व रात के रजाइयां व कम्बल ओढ़ते हैं। जलवायु परिवर्तन ने इस साल देशवासियों को चौंका दिया है। देश में मौसम के अज़ब गजब नज़ारे देखने को मिल रहे है। इस वर्ष मानसून में भारी बारिश के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि लोगों को शीत लहर का सामना करना पड़ेगा  मौसम विभाग के अनुसार सर्दियों के मौसम के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पूर्वानुमान के अनुसार, सर्दियों के मौसम में सामान्य तौर पर पांच से छह दिनों की तुलना में इस बार शीतलहर वाले दिन कम रहने की उम्मीद है। मौसम में इस परिवर्तन का संबंध कहीं न कहीं जलवायु परिवर्तन से भी लगाया जा रहा है। वैज्ञानिक मानते हैं कि मौसम में जैसी तब्दीली इस बार देखने को मिली है, ऐसा पूर्व में बहुत कम देखने को मिला है। लम्बे समय में मौसम में होने वाले परिवर्तन को जलवायु परिवर्तन कहते हैं। इस परिवर्तन के कारण मौसम में परिवर्तन आता है। जैसे अधिक गर्मी, ठण्ड, वर्षा या आवश्यकता से भी कम गर्मी, ठण्ड और वर्षा का होना। विशेषकर उत्तर भारत इस समय मौसम परिवर्तन की चपेट में है।भारत ऋतुओं का देश है। ऋतुओं के मामले में  हमारा देश बहुत समृद्ध और धनी है। दुनिया के कुछ हिस्सों में तो जहां हमेशा तापमान एक ही जैसा रहता है मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होता । दुनिया के कई हिस्सों में सिर्फ सर्दी और नाम मात्र की गर्मी पड़ती है, तो कुछ को पूरे साल भर गर्मी में ही जलना पड़ता है । वहीं हम भारतवासियों को साल भर में कुल 6 ऋतुओं का आनंद मिलता है । भारत में छ: ऋतु बसंत ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, हेमंत ऋतु और शीत ऋतु हैं। भारत में शीत ऋतु बहुत अधिक ठंडी होती है। शीत ऋतु का समय नवम्बर मास से लेकर फरवरी मास तक होता है। भारत देश में नवम्बर में शुरू होने वाली ठंड दिसम्बर आते-आते भीषण ठंड में बदल जाती हैं। शीत ऋतु में दिन प्राय: छोटे और रातें लंबी होती हैं। सूर्य की गर्मी जो लोगों को ग्रीष्म ऋतु में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतु में अत्यंत प्रिय लगने लगती है। मगर इस बार जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप नवम्बर माह गर्म रहा और लोगों को ज्यादा सर्दी से छुटकारा मिला।

जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार पिछली कुछ सदियों से हमारी जलवायु में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है यानी, दुनिया के विभिन्न देशों में सैकड़ों सालों से जो औसत तापमान बना हुआ था, वह अब बदल रहा है। भारत भी इसी मौसम परिवर्तन का शिकार हुआ है। ग्रीष्म ऋतु लंबी होती जा रही हैं और सर्दियां छोटी। पूरी दुनिया में ऐसा हो रहा है। इसे ही हम जलवायु परिवर्तन कहते है। जलवायु परिवर्तन को सामान्य घटना के रूप में लेना कोई समझदारी नहीं है। जलवायु परिवर्तन वास्तव में पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में बदलाव को कहा जाता है। भूमि, वातावरण, उसके ताप, जल प्रणाली के क्रियाकलापों में ऐसे परिवर्तन हों जो जलवायु के कारण मानव के जीवन, उसके रहन-सहन को प्रभावित करने लगें तो उसे जलवायु परिवर्तन कहते हैं। जलवायु परिवर्तन पिछले कुछ सालों से बहुत ही गंभीर समस्या के रूप में उत्पन्न होता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के कई कारण होते हैं, जो बहुत से तरीकों से पृथ्वी में चल रहे जीवन को प्रभावित करते है।

बाल मुकुन्द ओझा

वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार

डी-32, मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर

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