भारत कोई बांग्लादेश-नेपाल नहीं है

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−भूपेन्द्र शर्मा सोनू

आजकल दुनिया भर में राजनीति बड़ी अजीब राह पकड़ रही है। कभी बांग्लादेश से तख्तापलट की खबर आती है, कभी नेपाल में उथल-पुथल की। अब ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि कहीं भारत में भी वैसा हाल न हो जाए। कुछ तो यहां तक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि काश हमारे यहां भी सत्ता छीनने का खेल शुरू हो जाए, लेकिन उन्हें साफ-साफ समझ लेना चाहिए कि भारत कोई कमजोर मुल्क नहीं है।

भारत का लोकतंत्र सिर्फ किताबों और भाषणों में नहीं, बल्कि आम जनता की सांसों में बसा है। यहां हर आदमी जानता है कि उसका वोट ही असली ताक़त है। आज देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे मज़बूत नेता के हाथ में है। चाहे कोई पसंद करे या न करे, लेकिन यह सच्चाई है कि मोदी जी ने भारत को एक अलग पहचान दी है। दुश्मन देश भी मानते हैं कि अब भारत पहले से कहीं ज्यादा ताक़तवर और चौकस है। हमारी सेना हमेशा सजग रहती है और जनता देशभक्ति से भरी पड़ी है।अब सवाल यह है कि जब इतना सब मज़बूत आधार मौजूद है तो यहां तख्तापलट की गुंजाइश ही कहां बचती है? हां, राजनीति में गन्दे खेल खूब होते हैं। कभी धर्म के नाम पर, कभी जाति के नाम पर, तो कभी भाषा के नाम पर लोग बांटने की कोशिश करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कुछ चेहरे ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ कुर्सी की फिक्र है, देश की नहीं। लेकिन देश अगर सिर्फ कुर्सी की राजनीति में फंसकर रह जाए तो तरक्की का सपना अधूरा रह जाएगा। आज पंजाब समेत कई हिस्से बाढ़ की मार झेल रहे हैं। खेत डूब गए, फसलें बर्बाद हो गईं, गरीबों के घर उजड़ गए। ऐसे वक्त में नेताओं को राजनीति छोड़कर जनता के साथ खड़ा होना चाहिए। सत्ता और विपक्ष दोनों को मिलकर राहत का काम करना चाहिए। अगर इस मौके पर भी सिर्फ बयानबाज़ी होगी तो जनता का भरोसा उठ जाएगा।भारत का लोकतंत्र वोट की ताक़त से चलता है, गोली-बारूद से नहीं। यहां जनता जब चाहे तो सरकार बदल देती है। यही लोकतंत्र की असली ताक़त है। कोई सोचता है कि यहां तख्तापलट होगा तो वो भूल जाए। यहां जनता ही असली मालिक है और वही तय करती है कि कौन राज करेगा और कौन बाहर जाएगा। हमारी सेना दुनिया की सबसे मज़बूत सेनाओं में गिनी जाती है। हमारे जवान चौबीसों घंटे सीमा पर तैनात रहते हैं। अगर कोई साज़िश भी होती है तो जनता और सेना मिलकर उसे धूल चटा देती है। यही फर्क है भारत और हमारे पड़ोसी मुल्कों में। जहां वहां अस्थिरता हावी रहती है, वहीं भारत एकता और लोकतंत्र से मज़बूत खड़ा है। अब जब हम “विकसित भारत” का नारा लगाते हैं तो इसका मतलब यही होना चाहिए कि हम राजनीति के छोटे-मोटे झगड़ों से ऊपर उठकर देश की तरक्की में लगें। बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की दिक्कतें और आपदाओं से निपटने में अगर हर पार्टी और हर नागरिक मिलकर काम करेगा, तभी भारत सच्चे मायनों में आगे बढ़ पाएगा। भारत की असली पहचान उसकी एकता है। धर्म, जाति, भाषा चाहे कितनी भी अलग हों, लेकिन जब बात देश की आती है तो हर भारतीय एक साथ खड़ा हो जाता है। यही वजह है कि यहां तख्तापलट जैसी हरकतों का कोई सवाल ही नहीं उठता।

भूपेन्द्र शर्मा सोनू (स्वतंत्र पत्रकार)

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