
हरियाणा के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामनिवास ‘मानव’ को, भाषा, साहित्य और अनुवाद के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के दृष्टिगत, आज चेन्नई में विशिष्ट साहित्य-सेवा सम्मान प्रदान किया गया। तमिलनाडु राजभवन और सीआईसीटी, भारत सरकार, चेन्नई द्वारा महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 144वीं जन्म-जयंती और भारतीय भाषा दिवस-2025 के उपलक्ष्य में, राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल महामहिम आरएन रवि ने शाॅल और प्रतीक-चिह्न भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर राजभवन के प्रधान सचिव और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी आर. किर्लोश कुमार, सीआईसीटी की उपाध्यक्ष डॉ. सुधा शेषैया और निदेशक प्रो. आर. चंद्रशेखरन सहित देश-भर से आये विभिन्न भाषाओं के शताधिक विद्वान, साहित्यकार और अनुवादक उपस्थित रहे। बता दें, डॉ. ‘मानव’ ने इसी वर्ष महान तमिल संत-कवि तिरुवल्लुवर द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रंथ ‘तिरुक्कुरल’ का हरियाणवी भाषा में काव्यानुवाद किया था, जिसके लिए उन्हें डेढ़ लाख का मानदेय प्राप्त हुआ है। ‘तिरुक्कुरल’ का हरियाणवी अनुवाद शीघ्र पुस्तक-रूप में प्रकाशनाधीन है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला की परामर्श समिति के सदस्य तथा सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) में बतौर आचार्य एवं अधिष्ठाता, सांस्कृतिक संकाय के रूप में प्रतिष्ठित डॉ. ‘मानव’ की विभिन्न विधाओं की चौंसठ महत्त्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनके साहित्य पर एमफिल् हेतु इक्यावन बार, पीएचडी हेतु तेईस बार और डीलिट् हेतु एक बार शोधकार्य सम्पन्न हो चुका है। देश-विदेश की सत्तर प्रमुख बोलियों और भाषाओं में उनकी विविध रचनाओं का अनुवाद हो चुका है, वहीं अनेक बोर्डों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी उनकी रचनाएँ सम्मिलित हैं। हरियाणा साहित्य अकादमी, चंडीगढ़ के ‘सर्वश्रेष्ठ कृति-पुरस्कार’ और मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल के ‘अटलबिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय कविता-पुरस्कार’ सहित देश-विदेश के अनेकानेक पुरस्कार, सम्मान और मानद उपाधियाँ भी डॉ. ‘मानव’ को प्राप्त हो चुकी हैं।
– डॉo सत्यवान सौरभ