
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में किसान ट्रस्ट द्वारा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान समारोह में प्रगतिशील किसान और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थानों को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक पुस्तक का भी विमोचन किया ।समारोह में शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसान सत्यवान सहरावत, कृषि रत्न पुरस्कार 2025 के अंतर्गत कृषि उत्थान श्रेणी में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक डॉ. देवेंद्र कुमार यादव, कृषि उद्यमी श्रेणी में फ्रूवेटेक प्राइवेट लिमिटेड, किसान ट्रस्ट सेवा रत्न श्रेणी में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, किसान ट्रस्ट कलम रत्न पुरस्कार से हरवीर सिंह को सम्मानित किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि चौधरी चरण सिंह सदैव एक आदर्श के रूप में जीवन में स्थापित रहे हैं। पूरा देश उन्हें आशा और विश्वास की नजरों से देखता था। वह सच्चाई, विनम्रता, दृढ़ता के प्रतीक थे। साथ ही उनके भीतर गांव, गरीब और किसान के उत्थान की तड़प विराजमान थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह चौधरी साहब ही थे जिन्होंने पूरे हिंदुस्तान को कहा कि देश की समृद्धि का मार्ग किसान की खेत की मेड़ से होकर जाता है।
श्री चौहान ने कहा कि चौधरी साहब ने आजादी की लड़ाई में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर नमक सत्याग्रह में शामिल हुए और हिंडन नदी के पास जाकर नमक बनाकर नमक कानून को तोड़ा। आजादी की लड़ाई में जेल भी गए और आजादी के बाद भी अन्याय के खिलाफ खड़े रहे। श्री चौहान ने कहा कि जमींदारी प्रथा के उन्मूलन में सर्वाधिक योगदान यदि किसी का है तो वह चौधरी चरण सिंह ही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वेयरहाउस में अन्न भंडार को गरीब कल्याण से जोड़ने का अद्भुत प्रयास चौधरी चरण सिंह ने ही किया। काम के बदले अनाज योजना का विचार रखकर गरीबों के घरों में सम्मानपूर्ण तरीके से अनाज सुनिश्चित करने का काम उन्हीं की देन है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि साल में एक बार वैज्ञानिक सीधे खेतों में जाकर किसानों से संवाद करेंगे। इसके तहत जानकारी का आदान-प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने किसानों की जरूरत के हिसाब से शोध करने की भी बात कीनकली उर्वरक और कीटनाशकों, जबरदस्ती किसानों को बायोस्टिमुलेंट एवं टैगिंग के नाम पर अन्य उर्वरक पदार्थों के बेचने को लेकर भी नाराजगी जताई और कहा कि सरकार इन सबके खिलाफ योजनाबद्ध रूप से कार्य कर रही है। अगले संसद सत्र में नया कानून लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कड़ा कानून बनाकर बेईमानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने किसान ट्रस्ट से आगामी बजट सत्र और पांच साल की कृषि योजनाओं के निर्माण में सुझाव का आह्वान भी किया। चिंतन शिविर को लेकर भी विचार और सुझाव साझा करने की बात कही।
अंत में एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री ने चौधरी चरण सिंह को आदर्श रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि चौधरी साहब के मूल्य और सिद्धांतों पर चलते हुए सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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