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दूसरे दिन भी हंगामेदार रही संसद की कार्रवाई

आज दूसरे दिन भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामेदार होता रहा। क्य विपक्ष ने चल रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण(SIR) — पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। यह संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत थी, लेकिन SIR को लेकर विरोध-प्रदर्शन व नारेबाजी के कारण दोनों ही सदनों में व्यवधान आया।

लोकसभा में सुबह जैसे ही बैठक शुरू हुई, विपक्ष ने SIR के मुद्दे को प्राथमिकता देने की मांग रखते हुए वेल में आकर नारे लगाने शुरू कर दिए। इस बीच, कुछ सांसदों ने सदन के बीच में जाकर हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा — पहले 12 बजे तक, फिर दोपहर 2 बजे तक।

विपक्ष का कहना रहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया लोकतंत्र की नींव से जुड़ा अहम मसला है, जिसे पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक इस पर बात नहीं होगी, संसद का बाकी काम नहीं चलेगा। दूसरी ओर सरकार और उसके समर्थक दलों ने कहा कि संसद सिर्फ एक ही विषय पर नहीं टिक सकती — देश के विकास और अन्य अहम विधेयकों पर भी काम होना चाहिए।

इस विरोध-प्रदर्शन के बीच, प्रशासनिक पहल भी हुई — बैठक के बाद लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की मीटिंग बुलाई गई। ताकि सदन की कार्रवाई व लंबित एजेंडा को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इस पर समझौता हो सके। इस चर्चा के अनुसार तय हुआ कि SIR व अन्य चुनाव सुधारों पर बहस पहले होनी चाहिए, लेकिन इसे तुरंत नहीं बल्कि 9–10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इसके पहले, 8 दिसंबर को 150 साल पूरे होने पर राष्ट्रीय गान और राष्ट्रगीत Vande Mataram पर चर्चा होगी।

वहीं, राज्‍यसभा में भी प्रदर्शन जारी रहा। सुबह बैठक शुरू होते ही विपक्ष ने SIR के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी की, और मांग की कि चुनाव सुधारों पर तुरंत चर्चा हो। कारण यही था कि SIR पर चर्चा न होने से लोकतंत्र की मूल प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, और बाद में सभापति ने इसे अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया।

हालाँकि, सरकार की ओर से कहा गया कि चुनाव सुधारों पर चर्चा की तैयारी है, लेकिन इसे बिना समयसीमा तय किए नहीं किया जा सकता। मंत्रियों ने नारेबाज़ी की बजाय संसद की कार्यवाही सुचारु बनाने व अन्य कानून-विधेयकों पर काम करने की अपील की।

इस तरह, आज संसद का दूसरा दिन अधिकांश समय गतिरोध में गुज़रा। SIR और चुनाव सुधारों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बरकरार रहा। हालांकि आगे के लिए बहस की रूपरेखा तय हो चुकी है — Vande Mataram पर पहले दिन बहस, उसके बाद 9–10 दिसंबर को चुनाव सुधारों पर विस्तृत चर्चा — पर फिलहाल सदन ने किसी अहम बिल को अंतिम रूप नहीं दिया। संसद की कार्यवाही अगले दिन फिर शुरू होगी।

संसद में ऐसा माहौल देख कर यह स्पष्ट है कि शीतकालीन सत्र — जो अन्य अहम विधेयकों पास कराने के लिए बुलाया गया है — सफल हो सकेगा या नहीं, यह काफी हद तक विपक्ष और सरकार के बीच आज हुए मत-भेद और आगे की रणनीति पर निर्भर करता है।

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