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बड़े डेवलपर्स को लो-कॉस्ट हाउसिंग की दिशा में भी आगे आना होगा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श् अमित शाह ने आज नई दिल्ली में CREDAI के राष्ट्रीय सम्मेलन “विकसित भारत @ 2047” को संबोधित किया। कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे सामने 2047 तक हर क्षेत्र में विश्व में सर्वप्रथम भारत के निर्माण और 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाली एक बेंचमार्क पर पहुंचकर एक लंबी छलांग लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 11 साल में Next Gen इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत सारा काम किया है औऱ इसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि हम नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन का कॉन्सेप्ट भी लेकर आए और कई प्रकार की नई पहल ने हमारे अर्बन डेवलपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर को न सिर्फ स्ट्रक्चर्ड किया बल्कि दुनिया के सबसे अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले देशों के करीब पहुंचने के लिए एक रोडमैप भी बनाने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के 11 साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और अर्बन डेवलपमेंट में कई पहल की गईं हैं और हर क्षेत्र की बाधाएं दूर करने का भी प्रयास किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने कहा कि CREDAI ने 20 लाख पौधे लगाकर 25 गांवों की 9 हज़ार एकड़ बंजर भूमि को फिर से हराभरा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हर डेवलपर को प्रोजेक्ट डिज़ाइन करते हुए थोड़ा ग्रीन एरिया को ध्यान में रखकर डिजाइन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर देश का हर डेवलपर अपने हर क्रिएशन में बिल्डिंग बनते समय 10 अच्छे वृक्ष लगाने का प्रयास करता है तो यह बहुत अच्छा काम होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 1999 से लेकर आज तक CREDAI ने हाउसिंग और हेबिटेट को आगे बढ़ाने के अपने लक्ष्य को सतत रूप से हासिल किया है। उन्होंने कहा कि CREDAI ने हमेशा कोड ऑफ कंडक्ट और नैतिक प्रथाओं को सर्वोपरि रखा और CREDAI के करण ही आज डेवलपर्स के काम को क्रेडिट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हमारी बैलेंसशीट अच्छी होनी ज़रूरी नहीं है बल्कि हमारे काम के बारे में समाज में अच्छी साख होना भी बहुत ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि CREDAI ने भारत की निजी रियल एस्टेट डेवलपर्स की एक शीर्ष संस्था के रूप में इस क्षेत्र को स्ट्रक्चर्ड और स्वीकृत क्षेत्र बनाने का बहुत बड़ा काम किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि CREDAI आज 21 राज्यों के 230 शहरों में मौजूद है और लगभग 13 हज़ार डेवलपर्स का एक विशाल वट वृक्ष आज खड़ा है। उन्होंने कहा कि CREDAI ने अपने 25 साल पूरे कर इस क्षेत्र में अपनी ज़रूरत को भी साबित किया है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में CREDAI ने अपने मानवीय चेहरे को भी उजागर किया है और लगभग 3 लाख से अधिक मज़दूरों का भी प्रशिक्षण किया है। श्री शाह ने कहा कि हमें इस बात पर ज़्यादा फोकस करना चाहिए कि मज़दूर को किस क्षेत्र में स्किलिंग की ज़रूरत है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में शहरीकरण बढ़कर 2035 तक 40 प्रतिशत तक हो जाएगा और 2047 तक देश की 50 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती होगी। उन्होंने कहा कि लगभग 50 प्रतिशत जिस शहरी क्षेत्र में रहती हो, तो उसके हाउसिंग की व्यवस्था का ज़िम्मा डेवलपर्स पर ही है। उन्होंने कहा कि हमारी ज़िम्मेदारी के लिए खुद को तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। श्री शाह ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के अनुसार अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर और अर्बन हाउसिंग दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अर्बन हाउसिंग का सैचुरेशन रेश्यो लाने के लिए अफोर्डेबल, इको-फ्रेंडली और बेहतर जीवन स्तर वाले हाउसिंग की दिशा में CREDAI को एक टीम बनाकर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो क्लीयरेंस, समय आधारित अप्रूवल, ऑनलाइन ट्रैकिंग और डिजिटलाइज़्ड रेकॉर्ड्स ने इस क्षेत्र में आर्किटेक्चर का एक विश्वास अर्जित किया है जिसे हम और तेज़ गति से आगे ले जाने वाले हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि RERA इस क्षेत्र के सुधार में एक structural breakthrough था जिसे आज पूरी दुनिया मानती है। उन्होंने कहा कि home buyers के हितों की रक्षा, निष्पक्ष लेनदेन औऱ गुणवत्तायुक्त निर्माण को सुनिश्चित करने की दिशा में RERA ने हमारे देश में बहुत अच्छा काम किया है और 35 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों ने इसे स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि 29 राज्यों में अपील का प्राधिकरण भी गठित हो चुका है और 29 RERA प्राधिकरणों ने अपनी वेबसाइट्स भी शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि 1 लाख 55 हज़ार रियल एस्टेट परियोजनाएं RERA के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं और लगभग 1 लाख 10 हज़ार डेवलपर्स भी इसके अंतर्गत रजिस्टर्ड हुए हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने GST का सबसे अधिक फायदा अगर किसी सेक्टर को पहुंचाया है तो वो रियल एस्टेट सेक्टर है। उन्होने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी को 8 से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया, आवास योजनाओं पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया, सीमेंट पर 28 प्रतिशत  से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया, संगमरमर, ग्रेनाइट, रेत, चूना और ईंट पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत, बांस फ्लोरिंग पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर एक बिल्डिंग बनने पर खर्च में नए सुधारों से 5 से 7 प्रतिशत की कमी की संभावना बन गई है। उन्होंने कहा कि हमने इस क्षेत्र के विकास के लिए निर्माण परियोजनाओं में 100 प्रतिशत FDI को ऑटोमेटिक रूट से अनुमति दी है औऱ 60 हज़ार करोड़ रुपए का नेशनल अर्बन हाउसिंग फंड भी जारी किया है। श्री शाह ने कहा कि सरकार इस सेक्टर के महत्व को समझती है और इसके माध्यम से हर व्यक्ति को अपना एक घर हो, प्रधानमंत्री मोदी जी का वादा हम CREDAI के माध्यम से पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने बड़े डेवपृलपर्स से कहा कि क्या वे बड़ी योजना बनातेहुए साथ में ही एक कम लागत वाली हाउसिंग बनाना शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसे हम अपने सेक्टर की ज़रूरत के रूप में लेते हैं तो आने वाले दिनों में एक चमत्कारिक परिवर्तन आएगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें लैंड मार्केट को अधिक पारदर्शी बनाना होगा और शहरों को अब लैंड बैंकिंग और सट्टात्मक होल्डिंग से बाहर आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले दिनों में अपनी विश्वसनीयता को और बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि सरकार ने भी अर्बन डेवलपमेंट के लिए मेट्रो से लेकर फ्लाईओवर का जाल बिछाने और सडकें बनाने से लेकर इको फ्रेंडली बिजली उत्पादन तक कई काम किए हैं जो शहर को रहने योग्य बनाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार अर्बन डेवलपमेंट के क्षेत्र में बहुत बड़े विज़न के साथ आगे बढ़ रही है और इस विज़न का बहुत बड़ा हिस्सा एक ज़िम्मेदार डेवलपर है।

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