
भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने आज नई दिल्ली में श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भाग लेना अत्यंत सम्मान की बात है और इसे शांति, मानवाधिकार और धार्मिक सद्भाव के लिए एक वैश्विक आह्वान बताया।
सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को सर्वोच्च बलिदान और नैतिक साहस का सार्वभौमिक प्रतीक बताया, जिन्होंने न्याय के लिए संघर्ष किया और उत्पीड़ितों की रक्षा की। भारत की विविधता में एकता और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत जटिल वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करके विश्व का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने उपनिषद के आदर्श ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को वैश्विक स्तर पर प्रसारित किया है, और भारत की जी20 थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ देश की सभ्यतागत बुद्धिमत्ता को प्रतिबिंबित करती है। डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी, राज्यसभा सांसद; परम पूज्य जैन आचार्य लोकेश मुनि; नामधारी सतगुरु उदय सिंह; श्री मोहन रूपा दास, अध्यक्ष, इस्कॉन मंदिर, दिल्ली; अजमेर दरगाह शरीफ के हाजी सैयद सलमान चिश्ती; दिल्ली धर्मप्रांत के उपाध्यक्ष रेव. फादर मोनोदीप डेनियल; और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार तरलोचन सिंह सहित अन्य प्रख्यात धार्मिक और आध्यात्मिक नेता सम्मेलन में उपस्थित थे।