भारतीय नौसेना का तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर नौसेना दिवस 2025 के अवसर पर समुद्री शक्ति का परिचालन प्रदर्शन

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भारतीय नौसेना ने 3 दिसंबर 2025 को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर एक शानदार ‘परिचालन प्रदर्शन’ के माध्यम से अपनी परिचालन क्षमता और समुद्री क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस विशाल आयोजन ने नौसेना की दुर्जेय युद्ध क्षमताओं, प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता और परिचालन तत्परता को जीवंत किया, साथ ही देश की बढ़ती समुद्री शक्ति और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वागत नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने किया। आगमन पर मुख्य अतिथि को 150 जवानों द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

केरल के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर तथा केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों, वरिष्ठ केंद्रीय एवं राज्य के सरकारीअधिकाररियों, सैन्य अधिकारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने इस कार्यक्रम को देखा।

इस ऑपरेशन डेमो में अग्रिम पंक्ति के प्लेटफार्मों द्वारा समन्वित युद्धाभ्यास का एक रोमांचक प्रदर्शन किया गया, जो नौसेना की समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता प्रदान करने की क्षमता का प्रतीक था। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत सहित बीस से अधिक नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों ने एयर असेट्स और इलीट मरीन कमांडो (एमएआरसीओएस) के साथ नौसेना की ताकत और परिचालन उत्कृष्टता का शानदार प्रदर्शन किया।

इसके अतिरिक्त, सी कैडेट कोर द्वारा हॉर्नपाइप नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नौसैनिक कर्मियों द्वारा तेजी से किए गए क्रमबद्ध ड्रिल ‘कंटीन्यूटी ड्रिल्स’ ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम का समापन भारतीय नौसेना बैंड द्वारा बीटिंग रिट्रीट और नौसेना के जहाजों की रोशनी के साथ पारंपरिक सूर्यास्त समारोह के साथ हुआ।

नौसेना दिवस भारतीय इतिहास के पन्नों में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो 1971 के युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ में भारतीय नौसेना की निर्णायक भूमिका का स्मरण कराता है । दशकों से भारतीय नौसेना लगातार मजबूत हुई है और देश के समुद्री हितों के लिए उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर विकसित होते हुए दृढ़ और मजबूत बनी हुई है। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर भारत के मार्गदर्शक विजन के तहत भारतीय नौसेना अपने तेज आधुनिकीकरण की दिशा में बढ़ रही है और एक ‘खरीददार नौसेना’ से एक ‘निर्माता नौसेना’ में पूरी तरह परिवर्तित हो गई है।

ऑप डेमो 2025 ने नौसेना की समुद्री उत्कृष्टता और एक विश्वसनीय बल के रूप में इसकी अटल भूमिका को रेखांकित किया, जो महासागरों में विश्वास प्रेरित करता है, साझेदारी बनाता है और सामूहिक सुरक्षा को बरकरार रखता है। यह एक ऐसी भूमिका है, जो एमएएचएसएजीएआर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए आपसी और समग्र उन्नति) के विजन पर आधारित एक स्वतंत्र, खुली और नियम आधारित समुद्री व्यवस्था के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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