Site icon Wah! Bharat

प्रतिबंधित ई-सिगरेट की संसद में गूंज

                                     बाल मुकुन्द ओझा

 ई-सिगरेट एक बार फिर चर्चा में है। भारत सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट को देश में पूरी तरह से बैन कर दिया था और ई-सिगरेट से जुड़ी सभी गतिविधियों को गैर कानूनी घोषित माना गया। इसके बावजूद देश में ई-सिगरेट का प्रयोग करने वालों की कमी नहीं है। पुलिस ने कई बार छापेमारी कर ई-सिगरेट को जब्त भी किया है। अब तो ई-सिगरेट देश की संसद में भी पहुँच गई है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह कहकर सनसनी फैला दी की सदन में एक सांसद ई-सिगरेट पी रहा है। उन्होंने कहा सदन की कार्यवाही के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद को ई-सिगरेट पीते हुए देखा गया है।. बीजेपी नेता ने पूछा कि क्या संसद के भीतर ऐसे उपकरणों के इस्तेमाल की इजाजत है? जैसे ही यह आरोप लगा, सदन में शोर मच गया। ठाकुर ने सीधे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से पूछा कि क्या ई-सिगरेट के इस्तेमाल की अनुमति उन्होंने दी है। स्पीकर ने स्पष्ट करते हुए कहा, नहीं, किसी को भी इसकी अनुमति नहीं है। इस बयान के बाद माहौल और गंभीर हो गया। ठाकुर ने मांग की कि जो भी सांसद इस प्रतिबंधित डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बाद में तृणमूल के एक वरिष्ठ सांसद सौगात राय को संसद परिसर में ई- सिगरेट के कश लेते हुए देखा गया। बीजेपी नेताओं द्वारा टोके जाने पर सौगत रॉय दिल्ली प्रदूषण की आड़ में अपने किए को जायज ठहराते सुने गए। उन्होंने कहा, आप लोगों ने दिल्ली को क्या बना दिया है। यहां तो सांस लेना 25 सिगरेट पीने के बराबर है। केंद्रीय मंत्रियों ने सार्वजनिक स्थल का हवाला देते हुए सिगरेट पीने पर टोका तो वे इसे नकारते हुए चले गए। यह उल्लेखनीय है देश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक है।

ऐसे में सवाल उठता है कि ई-सिगरेट आखिर है क्या? ये आम सिगरेट से कितना खतरनाक होता है। भारत में इसे कब बैन किया गया और इसे पीने और बेचे जाने पर किस तरह की सजा का प्रावधान है? ई-सिगरेट से कई प्रकार के विषैले पदार्थ निकलते हैं जिससे कई बीमारियां होती हैं और इसका जहर अचानक शरीर के किसी भी हिस्सों को प्रभावित करता है। ई-सिगरेट में निकोटिन पाया जाता है और अगर निकोटिन का सेवन शुद्ध रूप में किया जाय तो कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है। ई सिगरेट स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत हानिकारक है. इसमें फार्मेल्डिहाइड, भारी धातुएं, बेंजीन जैसे तत्व होते हैं जो कैंसरकारी होते हैं। इसमें मौजूद ई तरल पदार्थ में ग्लाइकोजेन और निकोटिन पाया है जो जहरीला होता है। लगभग 37 देशों में ई-सिगरेट पर बैन है। भारत भी इन्हीं देशों में से एक है। भारत सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट को देश में पूरी तरह से बैन कर दिया था और ई-सिगरेट से जुड़ी सभी गतिविधियों को गैर कानूनी घोषित माना गया है। बात की जाए सजा की तो इस कानून में पहली बार अपराध करने पर 1 साल तक की जेल या 1 लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है । इसी के साथ दूसरी बार अपराध करने पर 3 साल तक की जेल के साथ 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है ।

भारत सरकार ने देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबन्ध लगा दिया मगर सिगरेट पर नहीं। यह विवेचना का विषय हो सकता है की ई-सिगरेट ज्यादा खतरनाक है या सिगरेट। मगर यह बिलकुल सही है की हमारी सेहत के लिए दोनों ही खतरनाक है। एक सांपनाथ है तो दूसरा नागनाथ। महानगरों में ई-सिगरेट का प्रचलन बढ़ गया था। धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक होता हैं। ये बात टीवी, न्यूज पेपर, होर्डिंग में दिखने वाले विज्ञापनों में कई बार देखने को मिलती हैं. यहाँ तक कि सिगरेट के पैकेट पर भी लिखा होता हैं कि सिगरेट पीना हानिकारक हैं और  इससे कर्करोग होता है। लेकिन इसके बावजूद लड़के और लड़किया धड़ले  सिगरेट फूंकते जाते हैं। अब जबकि देश में ई-सिगरेट पर रोक लग चुकी है तो सिगरेट से होने वाले नुक्सान से भी लोगों को सावचेत करने की जरूरत है क्योंकि  ई-सिगरेट पीने वालो ने अब सिगरेट पीना शुरू कर दिया है।

विभिन्न शोधों से जो परिणाम सामने आये हैं वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि धूम्रपान, रक्त संचार की व्यवस्था पर हानिकारक प्रभाव डालता है। धूम्रपान का सेवन और न चाहते हुए भी उसके धूएं का सामना, हृदय और मस्तिष्क की बीमारियों का महत्वपूर्ण कारण है। इन अध्ययनों में पेश किये गये आंकड़े इस बात के सूचक हैं कि कम से कम सिगरेट का प्रयोग भी जैसे एक दिन में पांच सिगरेट या कभी कभी सिगरेट का सेवन अथवा धूम्रपान के धूएं से सीधे रूप से सामना न होना भी हृदय की बीमारियों से ग्रस्त होने के लिए पर्याप्त है।

बाल मुकुन्द ओझा

वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार

डी .32, मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर

           

Exit mobile version