चीन यात्रा के दौरान क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर खतरा था ?

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चीन यात्रा के दौरान क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर खतरा था ? क्या अमेरिका अथवा अन्य किसी ताकतवर देश ने भारत के शिखर पुरुष के खिलाफ किसी बड़े षड्यंत्र का जाल बुना था ? क्या इसकी भनक लगते ही रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने मोदी को 45 मिनट तक अपनी बेहद सुरक्षित कार में बिठाए रखा था ? यदि हां तो कौन था इस घिनौने षडयंत्र के पीछे ? यदि नहीं तो सोशल मीडिया पर चल रही बेशुमार खबरों का स्रोत क्या है ?

प्रधानमंत्री मोदी का जीवन हमारे देश के लिए ही अमूल्य नहीं , पूरी दुनिया के लिए बेहद कीमती है । चीन जैसे साम्यवादी देश में क्या सुरक्षा में कोई चूक हुई है ? हमने ताशकंद में अपने एक प्रधानमंत्री को गंवाया था । हमारे दो प्रधानमंत्री देश में ही आतंकवाद का शिकार हुए । चीन में पीएम के साथ जो हुआ वह सब चकल्लस है या इसके पीछे कोई सच है , सबके लिए जानना जरूरी है । लेकिन किसी भी आधिकारिक स्तर पर पुष्टि नहीं हुई । सोशल मीडिया और नेटवर्किंग साइट्स पर काफी खबरें आज भी आ रही हैं ?

याद कीजिए किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री जब पंजाब यात्रा पर थे तब अपने ही देश में संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी । पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने जिस तरह किसानों के सामने हाथ खड़े कर दिए वह शर्मनाक स्थिति अभूतपूर्व थी । प्रधानमंत्री के जीवन पर घात लगाए बैठे हैं लोग । कल ही पाकिस्तान ने महिलाओं के एक मरजीवड़े दल को प्रशिक्षण देकर दीक्षा प्रदान की है । उसके सामने पाक सेना और आतंकवादी हाफिज सईद ने एक ही लक्ष्य रखा है ।

वह है किसी भी तरह मोदी पर हमला । मोदी के बाद तीन और टारगेट हैं अमित शाह , योगी और हेमंता । न्यूज चैनल आजतक पर दिखाई रिपोर्ट में आईएसआई और हाफिज मसूद की इस खतरनाक साजिश का भंडाफोड़ किया गया है । ऐसी ही बहुत सी साजिशें पीएम के ख़िलाफ़ होती हैं जिन्हें सुरक्षा एजेंसियां साफ करती रहती हैं । पीएम की सुरक्षा के लिए कुछ और चरण बढ़ाने चाहिएं , चूंकि वे चुनावी रैलियों में भी भाग लेते हैं ।

लम्बे अरसे के बाद देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो सोलह आने राष्ट्र को समर्पित है । मोदी का परिवार यह पूरा देश है । इसी श्रृंखला में दूसरा नाम है योगी जो गुंडे बदमाशों के खिलाफ आज पूरी दुनिया के लिए मॉडल बन चुके हैं । देश को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मोदी अभी वर्षों तक चाहिएं । उनका जीवन 145 करोड़ के उत्थान और भारतमाता के स्वाभिमान के लिए बहुत जरूरी है । हम तो यही कहेंगे – जीवेम शरद शतम ।

…..कौशल सिखौला

वरिष्ठ पत्रकार

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