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केंद्र ने मुंबई मरीना के लिए 887 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी

योजना का उद्देश्य तटीय नौवहन और समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देना है

फोटो कैप्शन: प्रस्तावित ‘विकसित भारत मुंबई मरीना’ का कलात्मक चित्रण, जिसे मुंबई पोर्ट अथॉरिटी द्वारा विश्वस्तरीय समुद्री पर्यटन अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने मुंबई हार्बर में 887 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक विश्व स्तरीय मरीना विकसित करने की योजना को मंजूरी दी है, इस कदम से देश की वित्तीय राजधानी में तटीय नौवहन, समुद्री पर्यटन और वॉटरफ्रंट के नेतृत्व वाले शहरी विकास को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की आशा  है।

प्रस्तावित ‘विकसित भारत मुंबई मरीना’ को पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिल चुकी है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वैश्विक मानक के पर्यटन स्थलों के निर्माण और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए व्यक्त किए गए दृष्टिकोण के अनुरूप है।

इस अवसर पर  केंद्रीय पत्तनपोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “‘विकसित भारत मुंबई मरीना’ की यह मंजूरी तटीय नौवहन और समुद्री पर्यटन को मजबूत करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण से निर्देशित, यह परियोजना विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी, सार्वजनिक उपयोग के लिए तट खोलेगी, निजी निवेश को प्रोत्साहन देगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। यह भारत के व्यापक नीली अर्थव्यवस्था लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए मुंबई को वैश्विक समुद्री पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

इस परियोजना को हाइब्रिड डेवलपमेंट मॉडल के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसके तहत मुंबई पोर्ट अथॉरिटी ईपीसी आधार पर कोर मरीना इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए लगभग 470 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जबकि एक निजी ऑपरेटर 417 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ तटवर्ती सुविधाओं का विकास करेगा। मंत्रालय ने बंदरगाह प्राधिकरण के निवेश को मंजूरी दे दी है, और निविदाएं जारी कर दी गई हैं, जिनकी बोलियां 29 दिसंबर, 2025 को बंद होगी ।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मुंबई को ग्लोबल मरीना डेस्टिनेशन बनाने के विज़न को दिखाता है। यह प्रोजेक्ट मैरीटाइम टूरिज्म को मज़बूत करेगा, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करेगा और इससे जुड़े सेक्टर्स में 2,000 से ज़्यादा नौकरियां पैदा करेगा, साथ ही कोस्टल और ब्लू इकॉनमी एक्टिविटीज़ में नए मौके खोलेगा।”

लगभग 12 हेक्टेयर जल क्षेत्र में योजनाबद्ध, मरीना में 30 मीटर तक की लंबाई की 424 नौकाओं को रखने की क्षमता होगी। समुद्री बुनियादी ढांचे में एक एप्रोच ट्रेस्टल, पाइल्ड ब्रेकवाटर, सर्विस प्लेटफॉर्म, पोंटून और गैंगवे शामिल होंगे जिन्हें सुरक्षित और कुशल नौका संचालन का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

निजी ऑपरेटर द्वारा विकसित की जाने वाली तटवर्ती सुविधाओं में एक मरीना टर्मिनल भवन, एक नमो भारत अंतर्राष्ट्रीय नौकायन स्कूल, एक समुद्री पर्यटन विकास केंद्र, होटल और क्लब हाउस सुविधाएं, एक कौशल विकास केंद्र और नौका स्टैकिंग और मरम्मत बुनियादी ढांचा शामिल होंगे।

यह प्रोजेक्ट मैरीटाइम इंडिया विजन (एमआईवी) 2030, मैरीटाइम अमृत काल विजन (एमएकेवी) 2047, सागरमाला कार्यक्रम  और क्रूज़ भारत मिशन जैसे मुख्य नेशनल फ्रेमवर्क के साथ-साथ मुंबई पोर्ट अथॉरिटी के पोर्ट मास्टर प्लान 2047 के साथ संरेखित  है।

यह मरीना 2,000 से अधिक रोजगार सृजित करने की उम्मीद है, जो मरीना संचालन, क्रूज़ सेवाएं, आतिथ्य और संबद्ध गतिविधियों में होंगे, जबकि तटीय अवसंरचना में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य सार्वजनिक पहुँच को जलतट तक बेहतर बनाना और मुंबई को एक प्रमुख समुद्री पर्यटन और क्रूज़ यातायात केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित करना है।

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