उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संसद भवन परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी

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आज भारत ने 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापतिश्री सी पी राधाकृष्णनप्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदीकेंद्रीय मंत्रीगणविपक्ष के नेताश्री राहुल गांधीराज्यसभा के उपसभापतिश्री हरिवंशसंसद सदस्योंपूर्व संसद सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोक सभा के महासचिवश्री उत्पल कुमार सिंहराज्यसभा के महासचिवश्री पी. सी. मोदी और शहीदों के परिजनों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले दिन मेंलोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने एक्स‘ पर एक संदेश साझा कियाजिसमें उन्होंने कहा  कि:

वर्ष 2001 में भारत की संसद पर हुए कायराना आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त होने वाले हमारे साहसी सुरक्षाकर्मियों और कर्मठ कर्मचारियों के सर्वोच्च बलिदान को कोटि-कोटि नमन।

लोकतंत्र की इस सर्वोच्च संस्था की रक्षा करते हुए जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिएउनके प्रति हम कृतज्ञ हैं। देश के प्रति उनकी अद्वितीय निष्ठा हमें निरंतर प्रेरणा देती है।

उन अमर वीरों ने जिस वीरता से आतंकवादियों का सामना कियावह कर्तव्यपालन के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों व राष्ट्र रक्षा के प्रति भारत की अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक है। भारत आतंकवाद के विरोध में हमेशा दृढ़ता से खड़ा रहा है। राष्ट्र की एकताअखंडतासुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता केवल औपचारिक घोषणा नहींबल्कि एक सशक्त संदेश है कि भारत किसी भी प्रकार की आतंकवादी मंशा के सामने कभी झुकेगा नहीं।

यह अतुलनीय बलिदान हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए साहसत्याग और कर्तव्यनिष्ठा का प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले में आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी।

X पर एक पोस्ट में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, “आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षा बलों के उस अदम्य शौर्य व साहस को फिर से स्मरण करने का दिन है, जब वर्ष 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायराना आतंकी हमले को उन्होंने अपने जज्बे से नाकाम किया। आतंकियों को मुँहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करता हूँ। यह राष्ट्र वीर सेनानियों के त्याग व बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।”

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