हमारे एक वोट से क्या होगा , चलिए शिमला चलते है “, यह कहना छोड़िए । आपके एक वोट से रेखा गुप्ता और योगी मुख्यमंत्री बन जाते हैं , मोदी प्रधानमंत्री बन जाते हैं । शास्त्री जी से लेकर अटल जी तक जितने प्रधानमंत्री बने , आपके एक वोट से ही बने । यह बात हम मनमोहन सिंह जी के लिए इसलिए नहीं कह रहे चूंकि वे तो राज्यसभा सदस्य रहते हुए दोनों बार पीएम बने या बनाए गए ।
केवल एक बार वे 1999 में दक्षिण दिल्ली लोकसभा चुनाव सीट से चुनाव लड़े थे , बीजेपी के वीके मल्होत्रा ने उन्होंने हरा दिया था । उसके बाद कभी लड़े ही नहीं लड़े । रही बात आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की तो वे तो 1951- 52 में हुए प्रथम संसदीय चुनाव से पूर्व ही 1947 में प्रधानमंत्री बन गए थे । चूंकि तब कोई विपक्षी दल था ही नहीं अतः बाद में हुए चुनावों में भी उनका बनना तय था ।
तो बात एक वोट से चली थी । एक वोट की कीमत तुम क्या जानो बाबू साहब ? बड़ा कीमती होता है एक वोट ? याद है न अटलजी की सरकार एक वोट से गिर गई थी ? यह बात और है कि पटेल के 13 वोटों के मुकाबले एक वोट लेकर नेहरूजी पहले प्रधानमंत्री बन गए थे । पर एक बात समझ लीजिए , वोट असली पड़ना चाहिए , नकली नहीं । वह वोट फर्जी पड़े वह बर्दाश्त नहीं ।
अब देखिए न ! राजनैतिक आदर्शवाद का ज्ञान बिखेरने वाले प्रशांत किशोर उर्फ पीके खुद ही फर्जी वोटर निकले । बिहार के सासाराम में उनका वोट असली है । वे दिल्ली में रहते हैं , दिल्ली में उनका वोट नहीं है । उनका दूसरा वोट कालीघाट कोलकाता में है जो फर्जी है । यह वोट उन्होंने तब बनवाया जब वे बंगाल में ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार थे । मजेदार बात यह है कि बंगाल में उनका पता अभिषेक बनर्जी के निवास का निकला जो टीएमसी का कार्यालय भी है ।
ऐसे बनते हैं फर्जी वोट । देखा न आपने ! पीके के ही नहीं थे दो वोट । तेजस्वी यादव और पवन खेड़ा के भी दो दो निकले थे । दोनों ही पकड़े जाने पर चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार पर वोट चोरी का आरोप मढ़ रहे थे , खुद वोट चोर निकले । एसआईआर के माध्यम से ऐसे ही वोट चोर लाखों की संख्या में पकड़े गए हैं ।
अब चूंकि पूरे देश की मतदाता सूची फ्रीज हो गई है तो बंगाल , यूपी , तमिलनाडु सहित 12 एसआईआर राज्यों में पकड़े जाएंगे । इनमें देसी भी होंगे और विदेशी भगोड़े भी । तो राज्यों का रोआराट सुनने को तैयार रहिए । राजनैतिक दलों की किलकारियां भी सुनाई देंगी । लेकिन एसआईआर के माध्यम से फर्जी वोट काटे जाएंगे , विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया जाएगा । जिन दलों ने फर्जी वोट थोक के भाव बनवाए हैं , उनके चेहरों पर पड़े नकाब उतर जाएंगे ।
,,,,,,,,,,कौशल सिखौला


