राम मंदिर निर्माणा पूरा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धर्मध्वजा चढ़ाएंगे

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500 वर्षों के संघर्ष और 7 वर्षों के निर्माण के बाद भगवान राम की अयोध्या में उनका मंदिर आज पूरा हुआ । जिस बाबरी ढांचे पर धर्म पताका फहराते हुए मुलायम सिंह यादव की पुलिस ने कोठारी बन्धुओं को गोलियों से भून डाला था , वहीं बने मंदिर के ऊंचे शिखर पर आज मंगलवार के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धर्मध्वजा चढ़ाएंगे । गत वर्ष रामलला के मंदिर में भगवान के बालरूप की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर अब संपूर्ण हो गया है ।

अशोक सिंहल , आचार्य गिरिराज किशोर , अटल जी , लालकृष्ण आडवाणी , कल्याण सिंह , बाबा रामचंद्र परमहंस , नृत्यगोपाल दास , स्वामी सत्यमित्रानंद , आचार्य धर्मेंद्र , साध्वी ऋतम्भरा , उमा भारती , डॉ मुरलीमनोहर जोशी , सुषमा स्वराज ,स्वामी परमानंद सरस्वती आदि असंख्य महापुरुषों के तपस्या आज पूरी हो जाएगी । हमारा सौभाग्य है कि एक पत्रकार के रूप में हमें भी दशकों तक इन महापुरुषों की नजदीकी कवरेज का मौका मिला । इस वर्ष के प्रारंभ में अयोध्या जाकर राम लला की शयन आरती में शामिल होना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है ।

राम लला स्थापन समारोह में देश विदेश की विभिन्न हस्तियां आमंत्रित की गई थी । मंदिर न्यास में स्वयं बड़े बड़े नेताओं , उद्यमियों , खिलाड़ियों , संतों , अभिनेताओं को उनके घर जाकर निमंत्रण पत्र दिया था । उन अभागों का नाम भी हम आज नहीं लेना चाहते जिन्होंने न जाकर अवसर गंवा दिया । इस बार भी काफी बड़ी हस्तियों को बुलाया गया है । लेकिन वैसे चेहरों को नहीं जिनके चेहरे राम नाम सुनकर लटक जाते हैं । राम मंदिर पूरा होने के बाद अब काशी तथा मथुरा के मंदिरों के लिए काम शुरू करना चाहिए । भारत सरकार प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट को भी किसान एक्ट की तरह निरस्त करे , सनातन जगत की यह मांग है ।

अयोध्या आज फिर सज गई । वैसे तो बारह महीने सजी ही रहती है । 2024 जनवरी में रामलला के विराजमान होने की छटा भी निराली थी और आज भी निराली है । ऐसा लगता है मानों वैकुंठ अयोध्या में उतर आया है या क्षीरसागर अयोध्या में उमड़ पड़ा है । वही अयोध्या जहां राम , लखन , भरत , शत्रुघ्न थे , जहां सीता , उर्मिला , मांडवी और श्रुतकीर्ति थीं , जहां दशरथ , कौशल्या , कैकेई , सुमित्रा थीं , जहां गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र थे , जहां मंथरा और प्रजा थी ।

जहां रामदरबार था रामराज्य था ।

वही अयोध्या , वही सरयू , वही दशरथ महल , वही जानकी महल , वही हनुमान गढ़ी और सम्पूर्ण राम मंदिर । कौशल्या के महल से बजने लगी राम लला की पद चाप ….

ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैंजनियाँ ……

,,,,,, कौशल सिखौला

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