बिहार चुनाव को लेकर नेता सड़कों पर

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बिहार में तो चुनाव का बिगुल बज गया है । भारत सरकार विश्व प्रसिद्ध हो चुकी छठ पूजा को यूनेस्को की प्राच्य पर्व सूची में लाने में जुट गई है । कल सवेरे नीतीश कुमार सड़कों पर उतरे तो दोपहर में बूढ़े बीमार लालू भी सड़क पर चले आए । कल ही शायद राहुल भैया विदेश यात्रा से लौट आए । जाहिर है बिहार जाएंगे । सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी पहले ही सड़क पर है । चिराग पासवान हों , प्रशांत कुमार या जीतनराम माझी या पवन सिंह : सभी सड़क पर हैं । बाप और भाई से खुली बगावत कर तेजप्रताप यादव सड़कों पर घनचक्कर की तरह घूम रहे हैं ।

मतलब साफ है । सभी बन गए हैं आदमी सड़क का ? मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार दौरा क्या हुआ नेताओं के पांव कथक और भरतनाट्यम करने लगे । अभी देखिए हफ्तेभर में चुनाव कार्यक्रम आने वाला है आपको ओडिसी भी नजर आएगा । हां तांडव अब नहीं होगा । कारण यह कि वोट चोरी का ड्रामा सुपरफ्लॉप साबित हो चुका है । ईवीएम पर स्यापा चुनाव परिणाम आने के बाद होगा अतः रूदाली गैंग छुट्टी पर भेज दिए गए हैं । रही बात भैया की तो हाइड्रोजन बम तो पहले ही फुस्स हो गया था । अब कोलंबिया और चार देशों से कैसे बॉम्बर लाए जल्द पता चल जाएगा ।

बहरहाल माहौल बड़ा हॉट है । लालू दरबार में बेटा बेटी की बगावत के बाद खलबली है । यादव मुस्लिम गठजोड़ में सेंध लगाने के वास्ते ओवैसी फिर बिहार पहुंचने वाले हैं । दरअसल उन्होंने इस बार इंडी गठबंधन से तालमेल करने को हाथ बढ़ाया था । तेजस्वी ने उन्हें भाव नहीं दिया , कांग्रेस से वे बात नहीं करना चाहते । ओवैसी पहले भी बिहार में पांंच सीट जीतकर बता चुके हैं कि मुस्लिमों का समर्थन उनके पास भी है । हमेशा की तरह बिहार में जातियां भरपूर खेलती आई हैं । जाहिर है इस बार बहुकोणीय संघर्ष चुनाव को रोचक बनाएगा । पिछले तीन लोकसभा चुनावों को मोदी ब्रांड ने खासी सफलता प्राप्त की थी । कोई कितनी भी तैयारी करले , एन वक्त पर चुनावी रुख बदलने में मोदी ब्रांड काफी भारी पड़ता रहा है ।

कुछ चीजें प्रमाणित हैं और फायर ब्रांड योगी का प्रभाव भी अद्भुत है । याद कीजिए हरियाणा और महाराष्ट्र ? बटोगे तो कटोगे का नारा ही चुनाव को ले उड़ा ? बीजेपी के पास तुरुप का इक्का हेमंता भी मौजूद है । तो मतलब यह कि बिहार का चुनाव बड़ा दिलचस्प होने वाला है । बंगाल ही नहीं इस बार तमिलनाडु का रास्ता भी बिहार होते हुए जाएगा । तो देखते जाइए । बिहार में सतुअन की बहार यूँ तो सावन भादों में आती है । अबकी बार लिट्टी चोखा और सत्तू का स्वाद कार्तिक में भी खूब रंग जमाएगा ।

….कौशल सिखौला

वरिष्ठ पत्रकार

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