एनएमडीसी का साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ समझौता

Date:

भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने उद्योग-शैक्षणिक सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल के तहत एनएमडीसी के प्रचालनों में साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में नई पहल की सुविधा प्रदान करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) सहित आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस समझौता ज्ञापन पर एनएमडीसी की ओर से सत्येंद्र राय, अधिशासी निदेशक (डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) और प्रोफेसर अशोक डे, डीन, आर एंड डी, आईआईटी कानपुर ने प्रो. मनिंद्र अग्रवाल, निदेशक, आईआईटी कानपुर, एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और आईआईटी कानपुर के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

इस साझेदारी के माध्यम से एनएमडीसी साइबर सुरक्षा जोखिम आकलन; नीति, शासन और अनुपालन समर्थन; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) एकीकरण और उन्नयन; सुरक्षा संचालन और घटना प्रतिक्रिया; क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करना; और संयुक्त अनुसंधान और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आईआईटी कानपुर के साथ काम करेगा।

इसके अतिरिक्त, एनएमडीसी और आईआईटी कानपुर संयुक्त रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे, अनुसंधान गतिविधियां करेंगे, पायलट परियोजनाएं चलाएंगे और प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट समाधान का सामूहिक रूप से विकास करेंगे।

श्री अमिताभ मुखर्जी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने इस साझेदारी पर कहा, “यह समझौता ज्ञापन एनएमडीसी के व्यापक परिचालन पारिस्थितिकी तंत्र में आईआईटी कानपुर की उन्नत अनुसंधान क्षमताओं को समाहित करेगा। यह सहयोग हमें अपनी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने, परिचालन इंटेलिजेंस में सुधार करने और एनएमडीसी के लिए एक सुरक्षित और भविष्य के अनुरूप तकनीकी आधार बनाने में मदद करेगा।”

यह समझौता ज्ञापन डिजिटल रूप से मजबूत और भविष्य के लिए तैयार खनन संगठन बनने की एनएमडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

भारत वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आत्मविश्वास से भरा हुआ हैः मोदी

नई दिल्ली, ६ दिसंबर , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पंचकुला में विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने...

प्रधानमंत्री ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ....

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित डॉ. भीमराव आंबेडकर की महापरिनिर्वाण दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने  नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय संग्रहालय में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर की महापरिनिर्वाण दिवस पर उनकी स्मृति में तथा सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष में आयोजित किया गया, जो सरदार पटेल एकता मार्च के समापन के साथ भी संयोगित थाकार्यक्रम का संचालन माननीय अध्यक्ष, एनसीएससी की अध्यक्षता में हुआ तथा आयोग के माननीय सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में पधारे और उन्होंने कार्यक्रम की गरिमा में वृद्धि की। कार्यक्रम में प्रख्यात इतिहासकार एवं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय संग्रहालय के सदस्य, प्रो. रिज़वान क़ादरी ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन दिया। उन्होंने डॉ. आंबेडकर और सरदार पटेल के ऐतिहासिक योगदानों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे दोनों महान नेताओं ने भारत में सामाजिक न्याय की स्थापना, राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने और संवैधानिक शासन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अस्पृश्यता उन्मूलन, सामाजिक सुधार, शिक्षा के प्रसार तथा वंचित समुदायों के सशक्तिकरण के प्रति दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता पर बल दिया। इससे पूर्व, श्री गुड़े श्रीनिवास, सचिव, एनसीएससी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने डॉ. आंबेडकर एवं सरदार पटेल द्वारा अनुसूचित जातियों, महिलाओं, श्रमिकों एवं सामाजिक रूप से वंचित समूहों के उत्थान हेतु किए गए आजीवन प्रयासों का स्मरण कराया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार डॉ. आंबेडकर ने भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष किया और संविधान में कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रावधान सुनिश्चित किए। साथ ही, उन्होंने सरदार पटेल द्वारा 562 रियासतों के एकीकरण के माध्यम से “अखंड भारत” की नींव को मजबूत करने की भूमिका पर प्रकाश डाला। आयोग के  सदस्य,  लव कुश कुमार एवं  वड्ढेपल्ली रामचंदर ने भी सभा को संबोधित किया और दोनों राष्ट्रीय नेताओं के समतामूलक समाज निर्माण में दिए गए योगदानों को रेखांकित किया। अध्यक्ष,  किशोर मकवाना, एनसीएससी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच हुए महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संवादों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सामाजिक अशांति के समय सरदार पटेल ने अस्पृश्यों के अधिकारों की जिस दृढ़ता से रक्षा की, उसकी स्वयं डॉ. आंबेडकर ने प्रशंसा की थी। अध्यक्ष ने यह भी रेखांकित किया कि राष्ट्र सदैव किसी भी व्यक्ति या संगठन से ऊपर होता है और राष्ट्रीय एकता एवं राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि माना जाना चाहिए। अपने समापन संबोधन में  केंद्रीय मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु आयोग की सराहना की तथा दोनों महान राष्ट्र-निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
en_USEnglish