भारत सरकार ने बैंक जमा, बीमा, डिविडेंड, शेयर, म्यूचुअल फंड और पेंशन समेत अदावाकृत वित्तीय संपत्तियों को उनके वैध दावेदारों तक पहुंचाने के लिए “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
4 अक्टूबर 2025 को शुरू किया गया यह अभियान 3ए फ्रेमवर्क – जागरूकता, पहुंच और कार्यवाही पर आधारित है। यह तीन महीने का अभियान (अक्टूबर-दिसंबर 2025) सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जाएगा। अक्टूबर से 5 दिसंबर 2025 तक, 477 जिलों में जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों की भागीदारी से शिविर आयोजित किए गए हैं।
अभियान के दौरान पहुंच को उच्चतम करने के लिए, मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी), आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), और प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में जागरूकता सामग्री, साथ ही लघु वीडियो संदेश, का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया गया है। दावा प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जिला-स्तरीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें जमीनी स्तर पर डिजिटल प्रदर्शन, हेल्पडेस्क और निर्देशित सहायता शामिल है।
इस अभियान में वित्तीय क्षेत्र के सभी प्रमुख निधि नियामकों – भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) और विनिधानकर्ता शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की सहयोगी भागीदारी शामिल है। आरबीआई के उद्गम (अदावाकृत बैंक जमाओं के लिए), आईआरडीएआई के बीमा भरोसा (अदावाकृत बीमा राशि के लिए) और सेबी के मित्रा (अदावाकृत म्यूचुअल फंडों के लिए) जैसे मौजूदा प्लेटफॉर्म ने नागरिकों को अपनी अदावाकृत संपत्तियों का अधिक कुशलता से पता लगाने में योग्य बनाया है। अभियान के पहले दो महीनों के दौरान, लगभग ₹2,000 करोड़ मूल्य की अदावाकृत धनराशि पर उनके वास्तविक स्वामियों की ओर से दावा किया गया है।
यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।