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अलका सक्सेना की पुस्तक का विमोचन

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पुस्तक केवल एक जीवनी नहीं है, बल्कि एक दृष्टि और एक दर्शन है
अलका सक्सेना की पुस्तक ‘अब जब बात निकली है’ का विमोचन
जयपुर। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की पूर्व अतिरिक्त निदेशक और लेखिका
अलका सक्सेना की पुस्तक ‘अब जब बात निकली है’ का विमोचन शनिवार को झालाना
डूंगरी स्थित राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति, जयपुर के सभागार में संपन्न
हुआ। विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश
वर्मा, विशिष्ट अतिथि, मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी गोविन्द पारीक और
पूर्व जनसम्पर्क आयुक्त सुनील शर्मा तथा वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा थे।
अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा ने की। यह अवसर साहित्य और
सृजनधर्मिता के उत्सव की तरह सजीव हो उठा, जहाँ जनसम्पर्क, पत्रकारिता और
साहित्य जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल हुईं।
पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए अतिथि वक्ताओं ने कहा कि यह कृति न केवल
संवेदनशील अभिव्यक्तियों का संकलन है, बल्कि इसमें जीवन के गहरे अनुभवों
की झलक मिलती है। साथ ही मनुष्य को बेहतर मनुष्य बनाने को प्रेरित करती
हैं। वक्ताओं ने लेखिका के रचनात्मक और प्रेरणादायक कार्य की सराहना करते
हुए कहा, यह कृति केवल एक जीवनी नहीं है, बल्कि एक दृष्टि और एक दर्शन
है। उन्होंने कहा जीवन हमें यह सिखाता है कि जनसम्पर्क केवल पुस्तकों तक
सीमित ज्ञान नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला है। जनसंपर्क ऐसी
प्रक्रिया है, जो सम्पूर्ण सत्य एवं ज्ञान पर आधारित सूचनाओं के
आदान-प्रदान के लिए की जाती हैं। अतिथियों ने पुस्तक लेखक अलका सक्सेना
को बधाई देते हुए कहा, यह पुस्तक न केवल ज्ञानवर्धक है,बल्कि हमें सोचने
के लिए प्रेरित करती है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राकेश वर्मा ने जनसम्पर्क निदेशक के अपने
कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए कहा जन संपर्क विभाग एक ऐसा विभाग है
जो सरकार की छवि निखारने के साथ उसे एक नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता
है। इस विभाग में काम करना निश्चय ही एक ऑपर्चुनिटी है। उन्होंने आशा
व्यक्त की कि यह पुस्तक पाठकों के लिए रुचिकर होगी। उन्होंने लेखिका की
लेखनी को प्रेरणास्पद बताया। जनसम्पर्क विभाग के पूर्व आयुक्त सुनील
शर्मा ने पुस्तक को शुद्ध लेखन की संज्ञा दी। उन्होंने कहा अलका सक्सेना
का अंग्रेजी और हिंदी पर समानाधिकार था। मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी
गोविन्द पारीक ने जनसम्पर्क के कार्यों को चुनौतीपूर्ण बताया। कार्यक्रम
की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा ने जनसम्पर्क विभाग से
पत्रकारों के  संबंधों की चर्चा करते हुए कहा लेखिका ने बेबाकी के साथ
अपने जनसम्पर्क के अनुभवों को साझा करते हुए अपने मन की बात लिखी है।
उन्होंने कहा जनसम्पर्क सरकार के दिल की धड़कन है। राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण
समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित
करते हुए  कहा यह पुस्तक जनसम्पर्क विधा का एक प्रामाणिक दस्तावेज़ है।
जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक रजनीश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
साहित्यकार वीणा करमचंदानी ने पुस्तक की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत की।
प्रारम्भ में लेखिका अलका सक्सेना ने राकेश वर्मा और सुनील शर्मा की
कार्यप्रणाली की चर्चा करते हुए विस्तार से पुस्तक विषयक जानकारी दी। इस
शुरू में आगंतुक सभी अतिथियों का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।

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