

राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने “ऑपरेशन हिंटरलैंड ब्रू” नाम के विशेष ऑपरेशन के तहत महाराष्ट्र के वर्धा में गुप्त मेफेड्रोन बनाने वाली फैक्ट्री का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में लगभग 192 करोड़ रुपये की 128 किलो मेफेड्रोन, 245 किलो प्रीकर्सर केमिकल, कच्चा माल और पूरा प्रोसेसिंग सेटअप ज़ब्त किया गया।
विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई अधिकारियों ने वर्धा से लगभग 60 किमी दूर करंजा (घड़गे) के दूरदराज, झाड़ियों से ढके इलाके में चुपके से निगरानी की और फिर खोजबीन अभियान चलाया। ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों ने पूरी तरह से चालू सिंथेटिक ड्रग प्रोसेसिंग सेटअप का पता लगाया, जिसमें अवैध रूप से मेफेड्रोन बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कामचलाऊ रिएक्टर, बर्तन और अन्य उपकरण शामिल थे। ज़ब्ती में तैयार उत्पाद और उसके सिंथेसिस के लिए ज़रूरी प्रीकर्सर केमिकल भी शामिल थे।
इस अवैध फैक्ट्री को स्थानीय लोग जानबूझकर ग्रामीण इलाके में इस तरह से बनाकर चला रहे थे ताकि यह आसपास के माहौल में घुल-मिल जाए और पकड़ी न जाए। विनिर्माण इकाई अस्थायी, मॉड्यूलर, बिना पहचान वाली संरचना थी जो झाड़ियों के बीच गहराई में छिपी हुई थी।
इस इकाई को चलाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें मास्टरमाइंड भी शामिल है। वह फाइनेंसर और केमिस्ट के तौर पर भी काम करता था, इस कार्य में उसके दो साथी भी थे। ये तीनों मेफेड्रोन के विनिर्माण और वितरण नेटवर्क में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए और उन्हें एनडीपीएस एक्ट, 1985 के संबंधित प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
इस ऑपरेशन के साथ, डीआरआई ने इस वर्ष अब तक गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करके पांच गैर–कानूनी ड्रग विनिर्माण इकाइयों का भंडाफोड़ किया है। ये लगातार प्रयास डीआरआई की निरंतर सतर्कता, ऑपरेशनल उत्कृष्टता और सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दिखाते हैं, जो नागरिकों को नशीले और साइकोट्रॉपिक पदार्थों के खतरे से बचाती है।


