पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम का कबूलनामा

Date:

कौशल सिखौला

वरिष्ठ पत्रकार

पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने 17 साल बाद कुबूल किया कि 26/11 के बाद भारत सरकार अमेरिकी दबाव के आगे झुक गई थी । अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय जगत ने मनमोहन सरकार पर जबरदस्त दबाव डाला कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए । तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिंडिजा राइस इस सम्बन्ध में खुद भारत आईं ।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने आतंकवादी घटना के बाद त्यागपत्र दिया था, लेकिन हमारी यूपीए सरकार देश में फैले आक्रोश के बावजूद पाकिस्तान के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठा पाई । एक मीडिया चैनल को दिए साक्षात्कार में चिदंबरम ने ऐसे खुलासे किए जिसने 2008 में हुई भीषण घटना के बाद कांग्रेस की कायरता को उजागर किया है ।

अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद ” नरेंदर सरेंडर ” जैसे शर्मनाक और फूहड़ बयान देने वाले राहुल गांधी क्या जवाब देंगे ? संसद के पूरे मानसून सत्र में सदन के भीतर बाहर छातियां पीटने वाला विपक्ष क्या कांग्रेस से सवाल पूछेगा ? भारतीय सेना पहले ही कह चुकी है 26/11 के बाद देश में उमड़े जबरदस्त आक्रोश और पाक आतंकी कसाब के जिंदा पकड़े जाने के बाद सेना बहुत बड़ी कार्रवाई करना चाहती थी । लेकिन मनमोहन सरकार ने हरी झंडी देने से इनकार कर दिया था । सेना बेबसी और अपमान का घूंट पीकर बैठी रह गई । केन्द्र की चुप्पी से पाकिस्तान को क्लीन चिट मिल गई । तमाम जिन्दा सबूतों के बावजूद सरकार कायरों की तरह कुछ भी न कर पाई । यूपीए के अन्य घटकों ने भी होंठ सिल लिए ।

चिदंबरम की स्वीकारोक्ति के बाद हमे मोदी सरकार और सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर भारी गर्व हो चला है । बड़बोले डोनाल्ड ट्रम्प की हेकड़ी और मध्यस्थता के कोरे झूठ को सरकार ने जिस तरह नकारा वह भारत को और भी ऊंचे आसान पर बैठाने के लिए काफी है । हम नए भारत , जुझारू भारत सरकार और जांबाज सेना को साधुवाद देते हैं , सेल्यूट देते हैं । सिंदूर ऑपरेशन की सफलता से भारत की छाती फूलकर 100 इंच चौड़ी हो गई है ।

हम नहीं समझते कि कांग्रेस के नेताओं को अभी भी कोई शर्म आएगी । लेकिन धन्यवाद चिदंबरम साहब , 17 साल बाद ही सही आपकी आत्मा जागी तो ? अमेरिका में हुए 9/11 के बाद मुंबई का 26/11 दूसरी सबसे बड़ी आतंकवादी घटना थी । कांग्रेस सरकार ने थर थर कांपते हुए यदि उस समय करारा जवाब दिया होता तो पुलवामा न होता पहलगाम न होता । चलिए चिदंबरम साहब ! कम से कम आपने तो अपनी यूपीए सरकार की गाल पर झन्नाटेदार तमाचा जड़ दिया और कायरपन भी उजागर कर ही दिया ।

−कौशल सिखौला

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

पोस्ट साझा करें:

सदस्यता लें

spot_imgspot_img

लोकप्रिय

इस तरह और भी
संबंधित

हरियाणा के एडीजीपी वाई. पूरन की आत्महत्या , हमारी सामूहिक असफलता

“एक वर्दी का मौन: (पद और प्रतिष्ठा के पीछे...

मुंशी प्रेमचंद की कलम ने अन्याय और नाइंसाफी के खिलाफ बुलंद की आवाज

( बाल मुकुन्द ओझा आज उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की पुण्य...

बढ़ती छात्र आत्महत्याएँ: कानून हैं, लेकिन संवेदना कहाँ है?

भारत में बढ़ती छात्र आत्महत्याएँ एक गहरी सामाजिक और...

महर्षि वाल्मीकि: शिक्षा, साधना और समाज का सच

(गुरु का कार्य शिक्षा देना है, किंतु उस शिक्षा...
hi_INहिन्दी