Ashok Madhup

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Exclusive articles:

त्यौहारों की मिठास और मिलावट का सच: खुशियां या खतरा?

भारत देश में त्यौहारों का मौसम हमेशा रौनक और रंगीनियों से भरा होता है। दशहरा से लेकर दीपावली तक, हर घर में खुशियों की...

ढाक के तीन पात : भाषा, संस्कृति और प्रतीक का रहस्य

डॉ मेनका त्रिपाठी भाषा विज्ञान की दुनिया अनेक रहस्यो की परत खोलती है,ढाक के तीन पात का मुहावरा हम सबने सुना है, लेकिन बहुत कम...

संघ, गांधी और लद्दाख के सोनम वांगचुक

अरुण कुमार त्रिपाठीऐसा कम होता है लेकिन इस साल हो रहा है। इस साल ‘पूर्णमासी के दिन सूर्यग्रहण’ लग रहा है। महात्मा गांधी की...

गलत के लिए भी आप ही जिम्मेदार होंगे

Sarvesh Kumar Tiwari·पुराने लोग कहते थे- प्रतिष्ठा कमाने में पूरा जीवन लग जाता है, पर उसे गंवा देने में समय नहीं लगता। एक गलत...

लोकतंत्र और अर्थतंत्र का बेड़ा गर्क कर रही है रेवड़ी संस्कृति

 बाल मुकुन्द ओझा जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते है वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियां अपने सिद्धांत और विचार त्याग कर जीत हासिल करने के लिए सभी...

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मुंशी प्रेमचंद की कलम ने अन्याय और नाइंसाफी के खिलाफ बुलंद की आवाज

( बाल मुकुन्द ओझा आज उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की पुण्य...

बढ़ती छात्र आत्महत्याएँ: कानून हैं, लेकिन संवेदना कहाँ है?

भारत में बढ़ती छात्र आत्महत्याएँ एक गहरी सामाजिक और...

महर्षि वाल्मीकि: शिक्षा, साधना और समाज का सच

(गुरु का कार्य शिक्षा देना है, किंतु उस शिक्षा...

हार्ट अटैक

भारत में 3000 साल पहले एक बहुत...
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