कांग्रेस और राजद के बीच सीटों का बंटवारा अब तक नहीं

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राहुल गांधी कैसे नेता हैं ? जब तक चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा नहीं की , राहुल गांधी बिहार में दर दर भटक रहे थे , तेजस्वी के साथ वोट चोरी वोट चोरी करते शहर शहर घूम रहे थे । जब कार्यक्रम की घोषणा होने वाली थी तब तेजस्वी के साथ बैठकर रणनीति बनाने के लिए की बजाय 15 दिनों के लिए चार देशों की विदेश यात्रा पर निकल लिए । वापस लौटने के बाद भी बिहार नहीं गए । तेजस्वी दिल्ली आए तो तेजस्वी को मिलने का समय नहीं दिया । बिहार जाने की बजाय चंडीगढ़ चले गए । चंडीगढ़ से शिमला निकल गए । शिमला से दिल्ली लौटे और आज यूपी के फतहपुर जाएंगे और वहीं से जुबिन गर्ग के घरवालों से मिलने असम चले जाएंगे ।

बिहार में आज पहले चरण के लिए नामांकन का आखिरी दिन है । कांग्रेस और राजद के बीच सीटों का बंटवारा अब तक नहीं हुआ । सीधा मतलब भाड़ में जाए चुनाव और गड्ढे में गिरे बिहार ? अपनी मस्ती में कोई खलल नहीं होनी चाहिए । एटम बम का तो कोई असर हुआ नहीं , हाइड्रोजन बम मिला नहीं , नाइट्रोजन बम और बम्बर्स पित्रोदा ने दिए नहीं । चुनाव आयोग की पीसी होते ही वोट चोरी नारा मटियामेट हो गया । देखा इंडी महागठबंधन का क्या हाल है ? किसी को पता ही नहीं कि सीट तालमेल कौन करेगा ? कब करेगा ? पहले चरण की वोटिंग के लिए केवल 20 दिन ही बाकी बचे हैं ।

दूसरी तरफ एनडीए को देखिए ? सीट बंटवारा हो चुका है , नामांकन पूरे हो गए । परसों दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता बिहार में तीन रेलियां कर आईं । कल बटोगे तो कटोगे का नारा लेकर योगी आदित्यनाथ ने बिहार में दो जनसभाएं की । अभी 18 जनसभाएं करेंगे । कल ही नीतीश कुमार ने भी दो रेलियां कर डाली । अमित शाह दो दिनों के लिए बिहार में हैं । उधर राहुल गाँधी ने अभी तक भी तेजस्वी को गठबंधन का चेहरा नहीं माना , जबकि एनडीए छह महीने पहले ही नीतीश कुमार को भावी मुख्यमंत्री घोषित कर चुके हैं । तो इंडी में यह क्या चल रहा है ?

लगता है कांग्रेस की नजर 13 अक्टूबर के न्यायालय निर्णय पर लगी थी । राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू , राबड़ी और तेजस्वी को भ्रष्टाचार के मामलों में धारा 120 बी और धारा 420 सहित 10 धाराओं में दोषी करार दिया है । तो क्या एक आरोपी को सीएम पद पर नहीं देखना चाहते राहुल जो बिहार तो टाटा बाय बाय कह दिया ? क्या कांग्रेस बैकफुट पर चली गई है । वैसे देश जानता है लालू खानदान ही क्या , सोनिया और राहुल भी तो जमानत पर ही चल रहे हैं ? जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का ख्वाब पाले हुए हैं तो तेजस्वी ने मुख्यमंत्री का ख्वाब देख लिया तो गिला कैसा ? एक ही डाल के दो फूल हैं दोनों लड़के ?

…..कौशल सिखौला

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