गणेश की पाषाण की चमत्कारी मूर्ति

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इंदौर के चोली ग्राम प्राचीन मंदिरों का गढ़ होने से यह देवगढ़ चोली के नाम से भी जाना जाता है। यहां सिद्धेश्वर षडानन गणेश मंदिर में 11 फीट ऊंची नृत्य मुद्रा में भगवान गणेश जी विराजमान हैं जो एक ही विशाल पत्थर से निर्मित है। देवगढ़ चोली में सदैव धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। यहां गौरी सोमनाथ मंदिर हैं जहां प्रदेश में दूसरे नंबर का करीब आठ फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। गणेश मूर्ति व शिवलिंग अतिप्राचीन व दुर्लभ है जो अन्यत्र कहीं नहीं है। इनके अलावा इन प्राचीन मंदिरों पर नक्काशी व अन्य देवताओं की मूर्तियां भी है। शिवलिंग के सामने विशाल पत्थर को तराशकर नंदी बनाया है। सामने सुंदर तालाब व दो बावड़ियां भी है। परमार कालीन निर्माण व अवशेष चिन्ह सौ साल से अधिक समय से मिलते रहें हैं। मंदिरों की श्रृंखला में : ओंकारेश्वर मंदिर, चौंसठ योगीनी मंदिर, बावन भैरव मंदिर (जागृत मूर्ति), राधाविनोद बिहारी मंदिर जिसमें ललिता जी साथ है,पाताल भैरवी मंदिर , साढ़े ग्यारह हनुमान मंदिर भी चोली में स्थापित हैं इनमें कुछ पुरानी सदी के व महाभारत कालीन हैं ऐसी किंवदंतियां है। बुजुर्ग लोग बताते कि यहां स्थित मंदिर व मुर्तियां देवताओं द्वारा बनाई सी प्रतीत होती है।
निश्चित यहां के मंदिर चमत्कारी हैं।

यहां पर पास में महेश्वर, मांडव, धार ऐतिहासिक स्थल होने से पर्यटक वर्षभर यहां पर आते रहते हैं। अनेक विधायक, सांसद, मंत्रियों व विशिष्ट ख्यातनामी हस्तियों का प्राचीन गणेश मंदिर पर दर्शन करने, आशीर्वाद लेने आना होता हैं, चुनाव के समय, मंत्री, विधायक, सांसद बनने पर, मनोकामना पूर्ण होने पर ये श्रद्धालु व गणेश भक्त अवश्य आते ही हैं।

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