बांग्लादेश: छात्र नेता की मौत के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन, अल्पसंख्यकों पर हमले

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ढाका में तनाव, कई शहरों में कर्फ्यू जैसे हालात
ढाका, १९ दिसंबर। बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत की खबर के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे हैं। राजधानी ढाका सहित कई प्रमुख शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर तोड़फोड़ की। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस हिंसा में हिंदू समुदाय के लोगों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। अनेक मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और हिंदू परिवारों के घरों पर हमले हुए। स्थानीय सूत्रों के अनुसार अब तक कम से कम पंद्रह लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं।
प्रशासन ने कई क्षेत्रों में धारा १४४ लगा दी है और सुरक्षा बलों को सड़कों पर उतार दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं को भी कुछ इलाकों में बाधित कर दिया गया है ताकि अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके। हालांकि हिंसा फैलने की खबरें लगातार आ रही हैं।
छात्र नेता की मौत ने भड़काई हिंसा
शरीफ उस्मान हादी एक युवा छात्र नेता थे जो हाल के महीनों में विभिन्न छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहे थे। बुधवार देर रात उनके शव को ढाका के बाहरी इलाके में मिला। प्रारंभिक जांच में उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में बताई जा रही है। उनके समर्थकों का आरोप है कि उनकी हत्या की गई है, जबकि पुलिस अभी मौत के कारणों की जांच कर रही है।
खबर फैलते ही उनके समर्थक और विभिन्न छात्र संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग करते हुए मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। स्थिति तब बिगड़ गई जब कुछ उग्र तत्वों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए हिंसा भड़काना शुरू कर दिया। विभिन्न इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं।
हिंदू समुदाय पर लक्षित हमले
हिंसा का सबसे भयावह पहलू यह रहा कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। ढाका, चटगांव, सिलहट और खुलना सहित विभिन्न शहरों में हिंदू परिवारों के घरों और दुकानों पर हमले हुए। उग्र भीड़ ने कई मंदिरों में तोड़फोड़ की और मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया।
ढाका के रामना काली मंदिर और चटगांव के पुराने शहर में स्थित एक प्राचीन मंदिर पर हमले की खबरें मिली हैं। कई हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने सरकार से तत्काल सुरक्षा की गुहार लगाई है। कुछ इलाकों में हिंदू व्यापारियों की दुकानों को लूटा गया और आग लगा दी गई।
सरकार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा इंतजाम
बांग्लादेश सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा बलों को पूरी तरह सतर्क कर दिया है। गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि शरीफ उस्मान हादी की मौत की स्वतंत्र जांच कराई जाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सरकार ने सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है। मुख्य विपक्षी दल ने छात्र नेता की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष परंपरा पर हमला है।
कई छात्र संगठनों ने शांतिपूर्ण विरोध की अपील की है और हिंसा से दूर रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि शरीफ उस्मान हादी के लिए न्याय की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जाएगी। कुछ प्रमुख धार्मिक नेताओं ने भी सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत बांग्लादेश में अपने नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने भी बांग्लादेश में हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चिंता जताई है। मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है।
पीड़ितों की कहानियां
प्रभावित क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई हिंदू परिवार भयभीत हैं। चटगांव निवासी एक व्यापारी ने बताया कि उनकी दुकान को पूरी तरह जला दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत की कमाई एक रात में बर्बाद हो गई। ढाका के एक मंदिर को भी क्षति पंहुचाई गई।(सोनेट)

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