आज गरमा-गरम बहस और विवादों के बीच संसद की कार्यवाही आगे बढ़ी

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आज संसद का शीतकालीन सत्र के नौवें दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में निरंतर गरमा-गरम बहस और विवादों के बीच कार्यवाही आगे बढ़ी। लोकसभा में आज मुख्य रूप से चुनावी सुधार (Electoral Reforms), SIR (Special Intensive Revision) से जुड़े मुद्दे तथा वोटर लिस्ट, ईवीएम विवाद, और सदन की मर्यादा जैसे विषयों पर तीव्र संघर्ष देखा गया। गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस की “वोट चोरी” जैसी टिप्पणियाँ कीं और इस दौरान राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी सांसदों के साथ बहस गरमाई। बीच में ऐसा विवाद भी उठा कि एक सांसद ने सदन में ई-सिगरेट/वापिंग के उपयोग का आरोप लगाया, जिससे सदन और भी तनावपूर्ण बन गया। लोकसभा ने आज समानांतर चुनाव समिति (One Nation One Election) का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया, लेकिन कई वक्ताओं के तीखे आरोप-प्रत्यारोप और नारेबाजी के कारण सदन कई बार व्यवधानों का सामना भी कर रहा है। दिन के अंत में सदन कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

🏛️ लोकसभा की विस्तृत कार्रवाई

🔹 प्रश्नकाल और प्रारंभिक बहस

लोकसभा की आज की कार्यवाही सुबह निर्धारित समय पर प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसमें सांसदों ने सरकार से विविध मुद्दों पर प्रश्न पूछे। जैन, किसान, बैन, बेरोज़गारी, स्वास्थ्य बजट, रेल, सड़क विकास, शिक्षा, और क़ानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाया गया। प्रश्नकाल के दौरान कुछ विपक्षी और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच हल्की तकरार भी देखी गई, लेकिन मुख्य विवाद और बहस आज “चुनावी सुधार” तथा SIR विवाद पर केंद्रित रही।

🔹 चुनावी सुधार पर बहस और SIR विवाद

आज की सबसे लंबी और चर्चित बहस थी चुनाव सुधारों पर। SIR (Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष ने लगातार सरकार पर आरोप लगाए कि यह प्रक्रिया NRC/CAA की तरह का ‘बैकडोर’ नागरिकता परीक्षण बन सकती है, जिससे विशेष समुदायों के नागरिक अधिकार प्रभावित होंगे। असदुद्दीन ओवैसी ने जोर देकर कहा कि “SIR के ज़रिये एनआरसी जैसा प्रभाव पैदा किया जा रहा है”, जिससे संसद में जोरदार नारेबाजी हुई।

विपक्षी दलों ने सरकार से पूछा कि SIR से कैसे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी वोटर का नागरिकता हक़ सुरक्षित रहे। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बड़ी तर्क-युक्त चुनौती पेश की और Home Minister अमित शाह के उस दावे को चुनौती दी जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर “वोट चोरी” का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने कहा कि अगर ऐसी बात सच है तो वह संसद में स्वच्छ तौर पर साबित की जानी चाहिए।

🔹 अमित शाह का भाषण और विपक्षी प्रतिक्रिया

गृहमंत्री अमित शाह ने सत्ता पक्ष की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि चुनाव सुधारों का उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना है, और विपक्ष द्वारा इसे राजनीतिक रूप से तूल देना लोकतंत्र की अवहेलना है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी चुनावी हार का कारण खराब नेतृत्व है, न कि मतदाता सूची या ईवीएम जैसे तकनीकी मुद्दे।

अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के नाम लेकर यह दिखाने की कोशिश भी की कि कांग्रेस के समय में ही देश में मतदाता प्रणाली से जुड़ी कई गड़बड़ियां हुई हैं — इस पर विपक्षी सांसदों ने जोरदार और लगातार नारेबाजी की।

🔹 ई-सिगरेट विवाद और सदन की मर्यादा

आज सदन में एक ऐसा विवाद भी उभरा कि BJP के सांसद अनुराग ठाकुर ने त्रिनामूल कांग्रेस (TMC) सांसदों पर सदन में ई-सिगरेट या वापिंग करने का आरोप लगाया, जिसे Speaker ने रोकते हुए कहा कि यह सवाल संबोधित नहीं किया जा सकता। यह मुद्दा सामाजिक मीडिया पर भी विवादित रहा और संसदीय decorum (मर्यादा) पर बहस का विषय बना।

🔹 कमेटी कार्य और प्रस्ताव पारित करना

लोकसभा ने आज समानांतर चुनाव समिति (One Nation One Election related Joint Committee) का कार्यकाल विस्तार किया। इस विषय पर सांसद पीपी चौधरी ने बताया कि 129वें संविधान संशोधन विधेयक और संबंधित सुधारों पर यह समिति विस्तृत अध्ययन कर रही है और अब इसकी समय-सीमा को बजट सत्र तक बढ़ाया गया। यह प्रस्ताव वॉइस वोटिंग द्वारा पारित हुआ।

यह विषय सरकार की One Nation, One Election नीति के तहत चुनावों की एकीकृत योजना की दिशा में काम करने वाली जेपीसी के कार्य पर केंद्रित है, जो यदि आगे सदन में विधेयक के रूप में पेश होगा तो वह भारत के चुनावी ढांचे को काफी प्रभावित करेगा।

🔹 लोकसभा में विपक्ष की रणनीति और नारेबाज़ी

संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने आज कई बार हंगामा किया और अपील की कि सरकार वार्ता के माध्यम से समाधान करें। सांसद गौरव गोगोई, प्रियंका चतुर्वेदी, कंगना रनौत आदि ने भी अपनी टिप्पणियाँ और भाषण दिये, जिनमें चुनावी सुधार, मानवाधिकार और * लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की रक्षा* जैसी बातें शामिल थीं। विशेष रूप से कंगना रनौत ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया और दावा किया कि बिहार में लाखों अवैध वोटर हटाए गए, जो सरकार की दिशा की पुष्टि करता है — इसे विपक्ष ने अस्वीकार किया।

🔹 दोपहर-शाम की कार्यवाही

दोपहर में भी बहस जारी रही, जब तक सदन स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था। Speaker Om Birla ने कई बार MPs को शांति बनाए रखने का निर्देश दिया। सदन के नियमों के अनुसार अपरिहार्य व्यवधानों के बीच भी, कई सांसदों ने अपनी बात रखी — कुछ ने सरकार के तर्कों का समर्थन किया, तो कुछ ने उसे आलोचना की।


🏛️ राज्यसभा की विस्तृत कार्रवाई

🔹 राज्यसभा की शुरुआत और मुख्य विषय

राज्यसभा में आज का सत्र सुबह अनुष्ठानिक शुरुआत के साथ हुआ। पहले सदन में माननीय जेपी नड्डा ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष बहस शुरू की, जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गीत को उचित सम्मान नहीं मिला है और सही दृष्टिकोण से पुनः निर्धारित करना चाहिए।

नड्डा ने कहा कि वंदे मातरम पर विवादित इतिहास और आलोचनाओं को दूर करना जरूरी है और इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाना चाहिए। उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेतृत्व को इस पर स्पष्ट नीतिगत निर्णय न लेने का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्य Mallikarjun Kharge ने नड्डा को चुनौती दी और कहा कि यह बहस वंदेमातरम् पर है या न केवल इतिहास पर राष्ट्रीय गीत से अप्रासंगिक बहस को आकर्षित किया जा रहा है।

🔹 बीजेडी के सांसद का दिल्ली प्रदूषण मुद्दा

राज्यसभा के दौरान बीजेडी सांसद मनस रंजन मंगराज ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर उल्लेख किया और संसद के स्थान और शीतकालीन सत्र को दूसरे सुरक्षित शहर में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया। उनका तर्क था कि दिल्ली का प्रदूषण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है और यह संसद सदस्यों तथा कर्मियों के लिए उपयुक्त नहीं है।

🔹 अन्य बहसें और सांसदों की टिप्पणियाँ

राज्यसभा में कुछ कांग्रेस और अन्य विपक्षी सांसदों ने चुनावी सुधारों, मतदाता सुरक्षा, और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का संरक्षण जैसे विषयों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समानांतर चुनावों और SIR जैसे मुद्दों को बिना पर्याप्त बहस के आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।

इस बीच, सरकार के समर्थक सांसदों ने वंदे मातरम के महत्व और राष्ट्रवाद के मूल्यों पर अपनी बात रखी — इस बहस में दोनों पक्षों के बीच जोरदार शब्द-युद्ध और तर्क हुआ जो सदन को कई बार तनावपूर्ण कर दिया।

🔹 अंतिम निर्णय और स्थगन

राज्यसभा की आज की कार्यवाही दोपहर के समय तीव्र बहस के बाद कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। यह स्थगन दोनों पक्षों के मतभेद और बहुसंख्यक सांसदों की अनुपस्थिति जैसे कारणों से हुआ, ताकि आगे की बहस संरचित रूप से आगे बढ़ाया जा सके।


✍️ निष्कर्ष

आज संसद के शीतकालीन सत्र का नौवां दिवस बहसों, आरोप-प्रत्यारोपों, राजनीति-संबंधी संघर्षों और संसदीय निर्णयों का मिश्रण था। लोकसभा में मुख्य फोकस चुनावी सुधार (SIR), वोटर लिस्ट विवाद, EVM विवाद, और समानांतर चुनाव समिति की कार्यवाही पर विस्तृत बहस रही। वहीं राज्यसभा में वंदे मातरम, दिल्ली प्रदूषण से जुड़ी अपील, और लोकतांत्रिक मूल्यों पर बहस अधिक समय तक चली। दिन के अंत में दोनों सदनों ने कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया।

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