वालीबुड के अभिनेता धर्मेंद्र नहीं रहे

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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे कुछ दिनों से उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। सोमवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा ।

कई सेलेब्स उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए हैं।

उनके परिवार के लोग और उनके करीबी इस मौत से सदमे में हैं। आठ दिसंबर 1935 को जन्मे धर्मेंद्र कुछ दिन पहले ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला। इसके बाद उनका इलाज घर पर ही किया जाने लगा। लेकिन वक्त के साथ तबीयत नहीं सुधरी और आज सोमवार यानी 24 नवंबर 2025 को धर्मेंद्र का निधन हो गया।


89 साल की उम्र में भी धर्मेंद्र एक्टिंग में सक्रिय थे। अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा की आगामी फिल्म ‘इक्कीस’ इस दिग्गज अभिनेता की आखिरी फिल्म होगी। फिल्म ‘इक्कीस’ की कहानी एक यंग आर्मी ऑफिसर अरुण खेतरपाल की है। महज 21 साल की उम्र में देश के लिए इस सैन्य अधिकारी ने बलिदान दिया था। फिल्म में अभिनेता धर्मेंद्र ने आर्मी ऑफिसर के पिता का किरदार निभाया। वहीं अरुण खेतरपाल के रोल में अगस्त्य नंदा नजर आएंगे। यह फिल्म 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली है

ऐसे में धर्मेंद्र के फैंस उनके परिवार के बारे में जानना चाहते हैं।धर्मेंद्र के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  और पीएम मोदी से लेकर बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है। धर्मेंद्र का परिवार बॉलीवुड के सबसे बड़े परिवारों में से एक है। उन्होंने दो शादियां की थीं और उनके कुल छह बच्चे हैं।धर्मेंद्र ने दो शादियां की थी। 19 साल की उम्र में उन्होंने 1954 में प्रकाश कौर के साथ पहली शादी की थी। तब धर्मेंद्र ने बॉलीवुड में अपनी शुरुआत नहीं की थी। प्रकाश कौर से धर्मेंद्र के 2 बेटे और 2 बेटियां हुईं। यानी वह चार बच्चों के पिता बन गए।धर्मेंद्र के इन चारों बच्चों के नाम सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता देओल और अजीता देओल है। सनी देओल और बॉबी देओल बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता हैं। उनकी दोनों बहनें विजेता देओल और अजीता देओल लाइमलाइट से दूर रहती हैं। धर्मेंद्र और उनकी पहली पत्नी के बच्चे सेटल हैं।

धर्मेंद्र ने प्रकाश कौर से तलाक लिए बिना 1980 में अभिनेत्री हेमा मालिनी से शादी कर ली थी। हेमा मालिनी उनसे 13 साल छोटी हैं। एक्ट्रेस के साथ सात फेरे लेने के बाद कपल की दो बेटियां हुईं। इन दोनों के नाम एशा देओल और अहाना देओल है।

धर्मेंद्र, जिन्हें दुनियाभर के सिनेमाप्रेमी प्यार से ही-मैन ऑफ बॉलीवुड कहते हैं। अपनी सादगी, सहज अभिनय, आकर्षक व्यक्तित्व और बहुमुखी कला के कारण धर्मेंद्र भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे प्रिय और प्रभावशाली अभिनेताओं में गिने जाते हैं। छह दशक से भी अधिक के लंबे करियर में उन्होंने एक्शन, रोमांस, कॉमेडी और ड्रामा—हर शैली में अपनी छाप छोड़ी।

धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गाँव में हुआ था। उनका वास्तविक नाम धरम सिंह देओल है। पिता स्कूल टीचर थे, इसलिए शिक्षा का माहौल मिला, परंतु धर्मेंद्र की रुचि हमेशा फिल्मों की दुनिया में थी। बचपन से ही दिलीप कुमार और सुरैया जैसी हस्तियों की फिल्में देखकर वह बड़े पर्दे पर आने का सपना संजोते रहे।1958 में फिल्मफेयर मैगज़ीन द्वारा आयोजित टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में धर्मेंद्र चुने गए और यही उनके करियर का मोड़ साबित हुआ। आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और धैर्य के बल पर मुंबई में जगह बनाई।

फिल्मी करियर की शुरुआत

1960 में आई फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे धर्मेंद्र की पहली फिल्म थी। शुरुआत में उन्हें एक रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान मिली। उनकी कोमल अदाकारी, गंभीर संवाद शैली और मासूम चेहरा दर्शकों को तुरंत पसंद आने लगा। 1960 के दशक में अनपढ़, हासिल, काजल, आन मिलो सजना जैसी फिल्मों ने उन्हें लोकप्रियता की ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। धीरे-धीरे वह ऐसे कलाकार के रूप में पहचाने जाने लगे जो हर तरह की भूमिका को निभाने की क्षमता रखते हैं ।1970 के दशक में धर्मेंद्र का करियर अपने स्वर्णिम दौर में था। इस दशक ने उन्हें ऐसी प्रतिष्ठित फिल्मों का हिस्सा बनाया, जिनका भारतीय सिनेमा पर अमिट प्रभाव है। इनमें सबसे खास है—शोले (1975)।वीरू के किरदार में धर्मेंद्र ने रोमांस, ह्यूमर, एक्शन और भावुकता—सब कुछ इतने सहज रूप में निभाया कि यह भूमिका आज भी उनके सर्वोत्तम अभिनय में गिनी जाती है। उनकी और हेमा मालिनी की ऑन-स्क्रीन कैमिस्ट्री, जैसे सीता औरगीता, शोले, ड्रीम गर्ल, दिल्लगी आदि फिल्मों में देखने को मिलती है, दर्शकों के दिलों में आज भी ताज़ा है।

धर्मेंद्र ने सिर्फ रोमांटिक और कॉमिक भूमिकाएँ ही नहीं निभाईं बल्कि एक्शन फिल्मों के भी वह राजा माने जाते हैं। उनके मजबूत व्यक्तित्व, दमदार संवाद और मर्दाना छवि ने उन्हें बॉलीवुड का पहला ‘ही-मैन’ बना दिया। यादों की बारात, प्रतिज्ञा, धर्मात्मा, चुपके चुपके, शालीमार जैसी फिल्मों में उनका अभिनय उनके बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है।

धर्मेंद्र ने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने। हालांकि राजनीति में वह सक्रिय रूप से अधिक समय नहीं दे पाए, परंतु जनता से उनके निकट संबंध हमेशा चर्चा में रहे।

पुरस्कार और सम्मान

धर्मेंद्र को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए—

  • फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
  • पद्म भूषण (भारत सरकार द्वारा)
  • अन्य कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सम्मान

उनका नाम “सर्वाधिक सफल अभिनेताओं” की सूची में अक्सर शामिल होता है। फिल्मों में उनकी लोकप्रियता और लंबे करियर ने उन्हें भारतीय सिनेमा के महानतम दिग्गजों में स्थान दिया है। नई पीढ़ी के दर्शक भी धर्मेंद्र को उतना ही सम्मान देते हैं जितना पुराने समय के लोग। उन्होंने हाल के वर्षों में यमला पगला दीवाना, अपने, चरणजीत, और रॉकी और रानी की प्रेम कहानी जैसी फिल्मों में काम किया। उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी ऊर्जा, सकारात्मकता और स्क्रीन प्रेज़ेंस वही पुरानी करिश्माई चमक बिखेरती है।

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