शक्ति भक्ति, मेलों ठेलों और खुशियों के त्योहार

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बाल मुकुन्द ओझा
भारत त्योहारों का देश है। त्योहार देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक बुनियाद को मजबूत बनाने और समाज को जोड़ने का काम करते हैं। त्योहार जीवन में खुशियां लेकर आते है। विशेषकर सितम्बर और अक्टूबर का त्योहारी महीना अपने साथ कई सौगातें लेकर आता है। इस दौरान बारिश विदाई ले चुकी है और मौसम के बदलाव की आहट लोग महसूस करते है। इस मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि सितम्बर माह से देश में त्योहारी मौसम की शुरुआत हो जाती है। नवरात्रि से दीपावली तक दो माह इस बार कई महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पर्वों की सौगात लेकर आ रहा है। यह महीना आस्था, परंपरा और भक्ति से जुड़ी अनेक शुभ तिथियों को अपने साथ लेकर आया है। यह एक के बाद एक व्रत और त्‍योहारों से सजा हुआ है। श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के साथ ही 22 सितम्बर से विधिवत त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान शारदीय नवरात्रि, विजयदशमी, करवा चौथ, दीपावली, प्रदोष व्रत, शरद पूर्णिमा जैसे बड़े व्रत, त्योहार और मेले ठेले हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाये जायेंगे। दीपावली तक त्योहारी खरीदारी का माहौल रहेगा और उसके बाद शादियों का दौर बाजारों को नई रफ्तार देगा। बहरहाल यहाँ हम त्योहारी सीज़न की चर्चा कर रहे है। इस त्योहारी सीजन में एक दर्जन बड़े त्योहार और व्रत आते है जिसमें देशवासी उमंग और उत्साह के साथ शामिल होकर अपनी खुशियों का इजहार करते है। लोकमंगल के इस सीजन में बच्चे से बुजुर्ग तक खुशियां बांटते है और खुशहाली की कामना करते हैं।
त्योहारी सीज़न की शरुआत शारदीय नवरात्रि से हो रही है। 22 सितम्बर से शुरू हो रहे नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ दुर्गा के लाखों भक्त उनकी तन मन से पूजा-आराधना करते हैं। ताकि उन्हें उनकी श्रद्धा का फल माँ के आशीर्वाद के रूप में मिल सके। इस दौरान माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघण्टा, माँ कूष्मांडा, माँ स्कंद माता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी और माँ सिद्धिदात्री के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाती है।
दिवाली की शुरुआत 18 अक्टूबर, धनतेरस से होगी और 23 अक्टूबर को भाई दूज के साथ समाप्त होगी।
धनतेरस
धनतेरस का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। इसे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी का पर्व रविवार, 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं।

दीपावली
दीपावली सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। शाम को घरों में दीपक जलाकर अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मनाया जाता है।
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा मंगलवार, 21 अक्टूबर को है। इसे अन्नकूट भी कहते हैं। लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाते हैं।
भाई दूज
भाई दूज गुरुवार, 23 अक्टूबर को है। यह दिन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं।
त्योहारों में लोग अपनी सामर्थ्य के मुताबिक नए कपड़े, जमीन जायदाद सोने चांदी के सामान सहित घरेलू जरुरत के सामान खरीदते है। गरीब से अमीर तक त्योहारों की खुशियों में खो जाते है। तन-मन को प्रफुल्लित करने वाला ये पर्व हमारे जीवन में हजारों खुशियाँ प्रदान करते है। त्योहार जीवन को प्रेम, बन्धुत्व और शुद्धता से जीने की सीख देता है। मन और चित को शांति प्रदान करता है और हमारे अन्दर की बुराइयों को अन्तर्मन से बाहर निकाल कर अच्छाइयों को ग्रहण करने की ताकत प्रदान करता है।


बाल मुकुन्द ओझा
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
डी 32, मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर
मो.- 8949519406

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