कांग्रेस के बड़े पुराने घाघ नेता हैं अशोक गहलौत

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अशोक गहलौत कांग्रेस के बड़े पुराने घाघ नेता हैं । कांग्रेसी हैं , कांग्रेस के दरबारी कल्चर से आते हैं लेकिन अपनी मारवाड़ी खनक कभी नहीं छोड़ते । राहुल गाँधी ने लाख चाहा कि वे केन्द्र में आ जाएं और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने दें । बेटे का दांव नहीं चला तो बेटे का सपना पूरा करने में जुटी मां सोनिया गांधी ने अशोक गहलौत को दिल्ली बुलाकर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने का आदेश दिया । अब यहीं तो होती ख़ांटी जमीनी नेता की परीक्षा । गहलौत ने विनम्रता से जवाब दिया – ठीक है मैडम ! बन जाएंगे अध्यक्ष । लेकिन मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ेंगे । सीधा सा मतलब कि सचिन पायलट को कुर्सी नहीं सौंपेंगे । सोनिया विवश हुई , पायलट खून का घूंट पीकर घर बैठ गए , मजबूरन खड़गे को अध्यक्ष बनाना पड़ा ।

परिदृश्य से बाहर हुए अशोक गहलौत की चर्चा हम क्यूँ कर रहे है , आप सोचते होंगे । दरअसल बिहार में गठबंधन को पलीता लगा तो सोनिया को अशोक गहलौत की याद आई । ऐसी ही याद उन्हें हमारे हरीश रावत की आई थीं जिन्हें पंजाब चुनाव से पूर्व अमरेन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा निपटाने भेजा था । रावत के आने से खफा राजा अमरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी , सिद्धू और चन्नी में ऐसी ठनी के पंजाब में कांग्रेस का कबाड़ा हो गया , सत्ता आम आदमी पार्टी ले उड़ी । वापस लौटकर रावत ने अपने राज्य में भी पार्टी का लगभग कबाड़ा कर दिया ।

तो बिहार में जब महागठबंधन की दाल जूतों में बंटने लगी , लड़कों के नाम से मशहूर हुए दो लड़कों में से कांग्रेसी लड़का जब बिहार छोड़ भागा तब इंडी की एकता तार तार हो गई । नतीजा यह निकला कि कथित महागठबंधन के सभी दलों ने एक दूसरे के खिलाफ टिकेट बाँट दिए । रायता इतना फैला कि दोनों चरणों के लिए नाम वापसी की तारीख निकल गई , किसी ने पर्चा वापस नहीं लिया । अब बिहार की धरती पर महागठबंधन के उजड़े दरबार को संभालकर रायता समेटने के लिए अशोक गहलौत को भेजा गया ।

एन वक्त पर गए गहलौत पहले ही समझ गए कि जब उनका नेता ही महीने भर पहले चोर चोर चिल्लाता हुआ भाग खड़ा हुआ है तो वे अपने सिर पर ठीकरा क्यों फोड़वाएं । तेजस्वी को उन्होंने समझाया भी पर कोई बात सिरे नहीं चढ़ी , तो “फ्रैंडली फाइट” का मंत्र फूंक दिया । साफ साफ कहें तो मतलब यह कि भाई नहीं मानते तो तुम जानों , लड़ो और बजाओ । तो देखा साहब कैसे धुरंधर हैं हमारे अशोक गहलौत । जोधपुरी हैं तो मूंग की दाल के हलवे , दाल बाटी और प्याज कचौड़ी के शौकीन हैं । तो लिट्टी चोखा वाले बिहार में बड़े प्यार से बिखेर आए मूंग की दाल का सीरा । मिलकर खाओ और फ्रैंडली लड़ जाओ ।

…..कौशल सिखौला

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