
बाल मुकुन्द ओझा
त्योहारी सीजन में बाजार ने तूफानी तेजी पकड़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा तेजी ऑनलाइन बाजार में ही दिखाई पड़ रही है। आज जिसे देखो वह ऑनलाइन बाजार से खरीददारी के लिए व्यस्त है। इसमें ग्राहक और कंपनियों दोनों का फायदा भी हो रहा है। ग्राहक को घर बैठे मनपसंद सामान मिल रहा है तो वहीं कंपनियों के सामने के लिए एक बहुत बड़ा मार्केट भी बन रहा है। एक लोकल सर्वे ने ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर सर्वे किया था जिसमें अधिकांश लोगों ने बताया था कि उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग को चुना है। इससे बाजार की भीडभाड से भी राहत मिल रही और लोगों के सामने विकल्प चुनने के भी की ब्रॉड मौजूद थे। इसीलिए विदेशों की तर्ज पर भारत में भी ऑनलाइन शॉपिग तेजी से बढ़ रही है। देश में इ-कॉमर्स का बाजार इन दिनों अपनी बूम पर है। यह सच है, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर कई प्रकार की मनभावक छूट, ऑफर और घर बैठे डिलीवरी की सुविधा मिलती है, यह भी सही है, ऑनलाइन खरीदारी में समय और ऊर्जा की बचत होती है, परंतु नकली प्रोडक्ट्स और डिलेवरी की दिक्कतें भी आम हैं। अब ग्राहकों को सावधानी तो रखनी ही होगी अन्यथा सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।
त्योहार के सीजन में लगभग 70 करोड़ ग्राहक बाज़ारों में ख़रीदारी करते हैं और जहां 500 रुपये या उससे कम ख़रीदारी करने वाले लोग हैं वहीं हज़ारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की भी कमी नहीं है और इसीलिए देश में त्योहारी सीजन की महत्त्ता व्यापार की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है। त्योहारों पर जिस तरह से विभिन्न प्रकार की चीजों की बिक्री से बाजार गुलज़ार हो रहा है उससे साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले सभी त्योहारों पर खरीदारी के लिए ग्राहक मन बना चुके हैं। लोग खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंच रहे हैं। दुकानें ग्राहकों से गुलजार होने लगी है। बाजारों में चहल पहल व भीड़-भाड़ देखने को मिल रही है। ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में खरीदारी करने वालों की भीड़ बढ़ रही है और आने वाले दिनों में कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। त्योहारी सीजन से इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा, ऑटो मोबाइल, सराफा बाजार में ग्राहकों का रुझान बढ़ा है। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या से न केवल इन स्थलों की रौनक बड़ रही है बल्कि अच्छा कारोबार होने से कारोबारियों के चेहरों पर चमक देखने को मिल रही है। यह त्योहारी सीजन हालाँकि महंगाई की मार से उपभोक्ताओं को राहतभरा नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस साल ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर करीब छह लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान है, जिसमें ऑनलाइन पर 1.20 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा है, जो हमारे देश की जीडीपी का 3.2 प्रतिशत आंका गया है। नामी गिरामी ई-कॉमर्स कंपनियों ने त्योहारी सीज़न और जीएसटी में हालिया बदलाव का फायदा उठाना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने पहले ही डिस्काउंट ऑफर देने शुरू कर दिए थे। कई कंपनियों के विज्ञापन में 50 से 80 प्रतिशत डिस्काउंट का वादा किया है। अनुसंधान फर्म ‘डेटम इंटेलिजेंस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 में जीएसटी दरों को आमजन के अनुकूल बनाने से इस साल त्योहारी बिक्री 27 प्रतिशत से बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है, क्योंकि टैक्स स्लैब को कम करने से कई जरूरी उत्पादों की कीमत में भारी कमी आई है, जिससे बिक्री में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की आशा है।
नई जीएसटी व्यवस्था में अब सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत के 2 टैक्स स्लैब रखे गए हैं और कुछ दरों को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे ग्राहकों को 10 प्रतिशत तक की बचत होने का अनुमान है। नई जीएसटी व्यवस्था में टीवी, एसी, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर विशेष तौर पर बचत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक विगत तीन वर्षों में पहली बार शहरी उपभोक्ताओं के खर्च में वृद्धि देखी गई है। सिर्फ जुलाई महीने में 37.6 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अपने गैर-जरूरी खर्च में वृद्धि की है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बीते महीने एक सर्वे करवाया था, जिसके अनुसार इस साल सिर्फ रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि और दिवाली के दौरान लगभग 4.80 लाख करोड़ रुपए के ऑफलाइन कारोबार होने का अनुमान है। दुकानदार और ऑनलाइन कम्पनियाँ जहां इन त्योहारों में आकर्षक ऑफर तथा डिस्काउंट की पेशकश कर ग्राहकों को रिझाने का प्रयास करते हैं, वहीं ग्राहक भी इन आकर्षक ऑफरों का लाभ उठाकर जमकर खरीदारी करते हैं। ऑनलाइन सेल में सामान सस्ता जरूर मिल रहा है मगर उपभोक्ता को सावधानी रखनी पड़ेगी क्योकि ठगी करने वाले गिरोह भी सक्रीय हो गए है। जो भोले भले लोगों को सस्ते माल के चक्कर में फंसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। अधिकृत प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। बैंक स्टेटमेंट और पासवर्ड सुरक्षा सुनिश्चित करें। कैश ऑन डिलीवरी अपनाएँ और फर्जी ऑफर्स से बचें। ऐसे में लोगों ने सतर्कता नहीं रखी तो सस्ते में माल खरीदना महंगा भी पड़ सकता है।

बाल मुकुन्द ओझा
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
डी 32 मॉडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर


