रक्षा मंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में उदारतापूर्वक योगदान की अपील की

Date:

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बाहरी और आंतरिक, दोनों ही चुनौतियों से राष्ट्र की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और एएफएफडी कोष में उदारतापूर्वक योगदान के माध्यम से पूर्व सैनिकों, विकलांग कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याणकारी कार्यक्रमों का समर्थन करने वाले नागरिकों और संगठनों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने लोगों से इस कोष में दान देना जारी रखने और भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीद नायकों के आश्रितों के सम्मानजनक पुनर्वास और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा, ‘‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, मैं हमारे सशस्त्र बलों के पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूं। उनका साहस हमारे राष्ट्र की रक्षा करता है और उनकी निस्वार्थ सेवा हमें उस ऋण की याद दिलाती है जिसे हम कभी चुका नहीं सकते। मैं सभी से सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में उदारतापूर्वक योगदान देने का आग्रह करता हूं। आपका समर्थन उनके समर्पण का सम्मान करता है और हमारी रक्षा करने वालों को मजबूती प्रदान करता है।’’(क्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने भारत की संप्रभुता की रक्षा में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका और रक्षा तथा मानवीय कार्यों में उनकी असाधारण प्रतिबद्धता का उल्‍लेख किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों को उनकी कुशलता और साहस का प्रमाण बताया।

सचिव (सैन्य मामलों के विभाग) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भारत की रक्षा तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा में सेवारत कर्मियों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की दृढ़ सेवा, अदम्य साहस और निरंतर योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने सैनिकों, नौसैनिकों और वायु योद्धाओं की अटूट प्रतिबद्धता, असाधारण वीरता और सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने सभी सीमाओं और क्षेत्रों में राष्ट्र की संप्रभुता की दृढ़ता से रक्षा की है।’’

क्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्र सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और कर्तव्य के प्रति अटूट समर्पण के लिए उनका ऋणी है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘सशस्त्र बल न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि आतंकवाद और उग्रवाद का भी मुकाबला करते हैं। इस कर्तव्य का पालन करते हुए, अनेक सैनिक मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देते हैं।’’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री संजीव कुमार ने भी सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं तथा राष्ट्रीय हितों की रक्षा में उनके साहस और देशभक्ति को नमन किया।

सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण विभाग) श्रीमती सुकृति लिखी ने विभिन्न खतरों से राष्ट्र की रक्षा करने तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने के लिए बहादुर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया।

भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, वीर नारियों, शहीद सैनिकों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों, जिनमें विकलांग भी शामिल हैं उनके कल्याण और पुनर्वास के लिए उनकी पहचान की गई व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्यरत है। एएफएफडी कोष के माध्यम से एकत्रित धनराशि का उपयोग विवाह, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है। 1 नवंबर, 2025 से निर्धनता अनुदान 4,000 रुपये से दोगुना होकर 8,000 रुपये प्रति माह, पुत्री विवाह अनुदान 50,000 रुपये से बढ़कर 1,00,000 रुपये और शिक्षा अनुदान 1,000 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये प्रति माह प्रति बच्चा हो गया है।

वर्ष 2024-25 के दौरान, 1.78 लाख से अधिक लाभार्थियों को कल्याणकारी सहायता के रूप में लगभग 370 करोड़ रुपये वितरित किए गए। इसके अलावा, देश भर में 36 युद्ध स्मारक छात्रावासों, किरकी और मोहाली स्थित पैराप्लेजिक पुनर्वास केंद्रों और देहरादून, लखनऊ तथा दिल्ली स्थित चेशायर होम्स को संस्थागत अनुदान प्रदान किए गए।

एएफएफडी कोष में योगदान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80जी(5)(vi) के तहत आयकर से मुक्त है। योगदान निम्नलिखित बैंक खातों में चेक/डीडी/एनईएफटी/आरटीजीएस के माध्यम से किया जा सकता है:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसी है दुनिया

 बाल मुकुन्द ओझा दुनिया के लगभग हर देश में भ्रष्टाचार...

चेन्नई में पर्यावरण पर क्षेत्रीय सम्मेलन बेहतर और हरित भविष्य के लिए एक सशक्त आह्वान के साथ संपन्न

चेन्नई के दक्षिणी क्षेत्र पीठ में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के...

केवल वित्तपोषण ही नहीं, बल्कि मार्गदर्शन भी स्टार्टअप्स की अगली पीढ़ी को आकार देगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ....
en_USEnglish