यूपी में मुठभेड़ में दो बदमाश ढ़ेर

Date:

सहारनपुर में एसटीएफ ने एक लाख के इनामी वांटेड बदमाश सिराज को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। सिराज सुल्तानपुर हत्याकांड में फरार था। गंगोह क्षेत्र में घेराबंदी के दौरान मुठभेड़ हुई। सिराज पर 30 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। मौके से पिस्टल, बाइक, वाई-फाई डोंगल, भारी मात्रा में कारतूस और 4 मोबाइल फोन बरामद हुए।सिराज का 30 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है जिनमें हत्या,हत्या के प्रयास ,रासुका जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमे उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों एवं जनपदों में पंजीकृत है।

बुलंदशहर में पुलिस मुठभेड़ में 50 हजार का इनामी बदमाश आज़ाद उर्फ पीटर (ज़ुबैर) मारा गया। बदमाशों की फायरिंग में एक सिपाही घायल हो गया। अंधेरे का फायदा उठाकर एक साथी मौके से फरार, जिसकी तलाश में कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। घटनास्थल से पिस्टल, खोखा कारतूस और बिना नंबर प्लेट की बाइक बरामद हुई। आज़ाद देहात थाने की लूट में वांछित था और मेरठ का रहने वाला बताया गया।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

योगी आदित्यनाथ की लघु व सीमांत किसानों को बड़ी सौगात, अब सिर्फ छह फीसदी ब्याज पर मिलेगा लोन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के...

प्रधानमंत्री ने असम के नामरूप में असम वैली उर्वरक और रसायन कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में असम वैली उर्वरक और रसायन कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह चाओलुंग सुखापा और महावीर लछित बोडफुकन जैसे महान नायकों की भूमि है। उन्होंने भीमबर देउरी, शहीद कुशल कुंवर, मोरन राजा बोदूसा, मालती मेम, इंदिरा मीरी, स्वर्गदेव सरबानंदा सिंह और वीर सती साधनी के योगदान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उजानी असम की पवित्र भूमि, इस वीरता और बलिदान की महान भूमि को नमन करते हैं। श्री मोदी ने कहा कि वे आगे बड़ी संख्या में लोगों को अपना स्नेह व्यक्त करते हुए देख सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से माताओं और बहनों की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि वे जो प्रेम और आशीर्वाद लेकर आई हैं, वह असाधारण है। उन्होंने कहा कि कई बहनें असम के चाय बागानों की सुगंध लेकर आई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुगंध असम के साथ उनके रिश्ते में एक अनूठा भाव पैदा करती है। उन्होंने वहां उपस्थित सभी लोगों को प्रणाम किया और उनके स्नेह और प्रेम के लिए आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने कहा कि आज का दिन असम और पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए ऐतिहासिक है!उन्होंने कहा कि नामरूप और डिब्रूगढ़ का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना साकार हो गया है और इस क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि कुछ ही समय पहले उन्होंने अमोनिया-यूरिया उर्वरक संयंत्र का भूमि पूजन किया और डिब्रूगढ़ पहुंचने से पहले गुवाहाटी हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी कह रहे हैं कि असम ने अब विकास की एक नई रफ्तार पकड़ ली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज जो कुछ हो रहा है वह तो बस शुरुआत है और असम को अभी और आगे ले जाना है। उन्होंने अहोम साम्राज्य के दौरान असम की ताकत और भूमिका को याद करते हुए कहा कि विकसित भारत में असम उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण, सेमीकंडक्टर विनिर्माण, कृषि में नए अवसरों, चाय बागानों और उनके श्रमिकों की उन्नति और पर्यटन में बढ़ती संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि असम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। श्री मोदी ने आधुनिक उर्वरक संयंत्र के लिए शुभकामनाएं दीं और गुवाहाटी हवाई अड्डे के नए टर्मिनल के लिए लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर उनकी सरकारों के तहत, उद्योग और कनेक्टिविटी के तालमेल से असम के सपने साकार हो रहे हैं और युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। । उन्होंने बताया कि उर्वरक परियोजना में लगभग 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक का उत्पादन होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने से आपूर्ति तेज होगी और लॉजिस्टिक लागत कम होगी। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नामरूप इकाई से हजारों नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे और संयंत्र के चालू होने से कई लोगों को स्थानीय स्तर पर स्थायी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मरम्मत, आपूर्ति और अन्य संबंधित कार्यों से भी युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में उर्वरक कारखाने बंद हो रहे थे, जबकि वर्तमान सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी और रामागुंडम में कई संयंत्र शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्ष 2014 में देश में केवल 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ था, जबकि आज उत्पादन लगभग 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।” उन्होंने बताया कि भारत को प्रतिवर्ष लगभग 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है और सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसानों के हितों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। श्री मोदी ने कहा कि विदेशों से अधिक कीमतों पर आयातित यूरिया का भी किसानों पर बोझ नहीं बनने दिया जाता, क्योंकि सरकार सब्सिडी के माध्यम से यह लागत वहन करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसानों को यूरिया का एक बोरा मात्र 300 रुपये में मिलता है, जबकि सरकार उसी बोरे के लिए अन्य देशों को लगभग 3,000 रुपये का भुगतान करती है। उन्होंने रेखांकित किया कि शेष राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है ताकि किसान भाइयों और बहनों पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े। उन्होंने किसानों से यूरिया और अन्य उर्वरकों का अधिकतम उपयोग करके मिट्टी को बचाने का भी आग्रह किया। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है, इस बात पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत राष्ट्र के विकास का इंजन बनेगा। उन्होंने बताया कि नामरूप की नई उर्वरक इकाई इस परिवर्तन का प्रतीक है, क्योंकि यहां उत्पादित उर्वरक न केवल असम के खेतों की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक भी पहुंचेगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह देश की उर्वरक आवश्यकताओं में पूर्वोत्तर भारत का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि नामरूप जैसी परियोजनाएं यह दर्शाती हैं कि आने वाले समय में पूर्वोत्तर भारत आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा और सही मायने में अष्टलक्ष्मी बना रहेगा। उन्होंने नए उर्वरक संयंत्र के लिए सभी को एक बार फिर बधाई दी। असम के राज्यपाल  लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के मुख्यमंत्री  हिमंत बिस्व सरमा, केंद्रीय मंत्री श सरबानंद सोनोवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

लारा कोर्ट ने दिया बिजनौर के डीएम आवास को कुर्क करने का आदेश

नौ जनवरी को डीएम को कोर्ट ने किया तलब,...
en_USEnglish