बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद: जुम्मे की नमाज़ के बाद हिंसा और घटनाक्रम

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​उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में हाल ही में जुम्मे की नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ स्लोगन को लेकर बड़ा विवाद और हिंसक झड़प देखने को मिली। यह घटनाक्रम कानपुर में इसी स्लोगन वाले बैनर पर दर्ज हुई FIR के विरोध में बुलाई गई एक रैली के बाद शुरू हुआ। प्रशासन ने रैली की अनुमति नहीं दी थी, जिसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और तनाव पैदा हो गया।

​1. विवाद का मूल कारण
​बरेली में हिंसा की पृष्ठभूमि कानपुर में एक धार्मिक जुलूस के दौरान ‘आई लव मोहम्मद’ (I Love Muhammad) लिखे बैनर लगाए जाने के मामले से जुड़ी है। इस मामले में कानपुर पुलिस द्वारा कुछ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इसी FIR और धार्मिक मुद्दों पर कथित अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा खान ने 26 सितंबर, 2025 (शुक्रवार) को जुम्मे की नमाज़ के बाद प्रदर्शन का आह्वान किया था।
​2. प्रशासन द्वारा अनुमति अस्वीकार
​विरोध प्रदर्शन की घोषणा के बाद, जिला प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 163 BNSS (जो सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगाती है) लागू करते हुए किसी भी तरह के जुलूस या सभा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। प्रशासन ने मौलाना तौकीर रज़ा खान को उनके आवास पर नजरबंद भी कर दिया था, ताकि वह भीड़ को संबोधित न कर सकें।
​3. नमाज़ के बाद भीड़ का जमावड़ा
​शुक्रवार की नमाज़ शांतिपूर्वक समाप्त होने के बावजूद, दोपहर करीब 2:30 बजे, बड़ी संख्या में लोग शहर के हृदय स्थल इस्लामिया ग्राउंड और दरगाह-ए-आला हज़रत के आसपास जमा होने लगे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर और बैनर थे, और वे ज़ोर-ज़ोर से नारे लगा रहे थे।
​4. पुलिस बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश
​भीड़ मौलाना रज़ा की अपील पर इस्लामिया ग्राउंड तक मार्च करने की जिद पर अड़ी थी और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपना चाहती थी। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेड लगाए थे। जब पुलिस ने भीड़ को आगे बढ़ने से रोका और वापस जाने की चेतावनी दी, तो कुछ उपद्रवी तत्वों ने आक्रामक रुख अपना लिया और बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की।
​5. हिंसक झड़प और पथराव
​यह विरोध जल्द ही हिंसक टकराव में बदल गया। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। रिपोर्टों के अनुसार, पत्थर छतों और गलियों से भी फेंके गए। इस दौरान कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की गई और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि कुछ उपद्रवियों ने हवा में गोलीबारी भी की। पथराव में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।
​6. पुलिस का लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग
​हालात बेकाबू होते देख, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया, जिसमें लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागना शामिल था। पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ में भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।
​7. गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
​हिंसा पर नियंत्रण पाने के बाद, पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान करने के लिए वीडियो और सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया। पुलिस ने मौलाना तौकीर रज़ा खान सहित लगभग 40 उपद्रवी तत्वों को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है। पुलिस ने लगभग 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। प्रशासन ने इस घटना को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अशांति पैदा करने की एक “सुनियोजित साजिश” बताया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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