
एक जीवन चरित्र और फिल्मी सफर
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री और मशहूर डांसर मधुमती का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिससे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अपनी अदाकारी और खासकर शानदार नृत्य से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली मधुमती ने भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी है। उनका जीवन और फिल्मी करियर संघर्ष, समर्पण और कला के प्रति असीम प्रेम की कहानी है।
प्रारंभिक जीवन और नृत्य के प्रति जुनून
मधुमती का जन्म 30 मई 1944 को मुंबई के पास ठाणे में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम हटॉक्सी रिपोर्टर था। उनके पिता एक जज थे। बचपन से ही मधुमती को नृत्य का जबरदस्त शौक था। इसी जुनून के कारण उनका मन पढ़ाई-लिखाई में कम ही लगता था, हालांकि उन्होंने 10वीं तक की शिक्षा पूरी की।
मधुमती ने केवल आधुनिक फिल्मी नृत्य ही नहीं सीखा, बल्कि भरतनाट्यम, कथक, मणिपुरी और कथकली जैसे शास्त्रीय नृत्यों में भी महारत हासिल की। नृत्य के प्रति उनकी यह लगन ही उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दिलाने का आधार बनी। कहा जाता है कि वह फिल्मों में आने से पहले ही नृत्य कला में पारंगत होने वाली पहली डांसरों में से थीं। 15 साल की छोटी उम्र में ही उन्होंने अपना खुद का डांस ग्रुप बना लिया था और विभिन्न शहरों में कार्यक्रम आयोजित करने लगी थीं।
फिल्मी सफर और नृत्य सेवा
मधुमती ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एक मराठी फिल्म से की थी। उनके पिता ने उन्हें फिल्मों में काम करने की इजाजत इस शर्त पर दी थी कि वह केवल डांस से जुड़े ऑफर्स को ही स्वीकार करेंगी, अभिनय नहीं करेंगी। इस शर्त को उन्होंने काफी हद तक निभाया और फिल्म इंडस्ट्री में मुख्य रूप से एक डांसर के रूप में ही कार्यरत रहीं।
मधुमती को 1960 के दशक की सबसे बेहतरीन डांसरों में गिना जाता था और अक्सर उनकी तुलना उस दौर की ‘डांस क्वीन’ हेलन से की जाती थी। उन्होंने अपने करियर में 150 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनका डांस बॉलीवुड फिल्मों में गानों के आकर्षण को दोगुना कर देता था।
उनकी कुछ यादगार फिल्मों में ‘आंखें’ (1968), ‘टावर हाउस’, ‘शिकारी’, ‘मुझे जीने दो’, ‘चरस’ (1976), ‘जय ज्वाला’, ‘अन्नदाता’, और ‘गदर: एक प्रेम कथा’ (2001) शामिल हैं। हालांकि उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में डांसर या सहायक अभिनेत्री की भूमिका निभाई, लेकिन कुछ फिल्मों, जैसे ‘चले हैं ससुराल’, में उन्होंने लीड एक्ट्रेस के रूप में भी काम किया।
अपने करियर के दौरान, मधुमती ने कई बड़े सितारों के साथ काम किया। वह सिर्फ एक परफॉर्मर नहीं थीं, बल्कि एक डांस टीचर के रूप में भी जानी जाती थीं। अभिनेता अक्षय कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि मधुमती उनकी पहली और हमेशा के लिए गुरु थीं और उन्होंने डांस के बारे में जो कुछ भी सीखा, वह उन्हीं से सीखा।
व्यक्तिगत जीवन
मधुमती ने अपने करियर के दौरान ही मशहूर कोरियोग्राफर मनोहर दीपक से शादी की थी। मनोहर दीपक पहले से ही चार बच्चों के पिता थे। यह शादी उस वक्त काफी चर्चा में रही थी। मधुमती ने उनकी चार संतानों को अपनी ही औलाद की तरह पाला। वह और उनके पति सुनील दत्त और नरगिस के ‘अजंता कल्चरल ग्रुप’ का भी हिस्सा रहे थे और देश-विदेश में शो करते थे।
विरासत और श्रद्धांजलि
मधुमती का निधन फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है। वह एक ऐसी कलाकार थीं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से सिनेमा को समृद्ध किया। उनके नृत्य कौशल और फिल्मों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन पर अक्षय कुमार, विंदू दारा सिंह समेत कई सितारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। वह अपने पीछे एक समृद्ध कलात्मक विरासत छोड़ गई हैं।


