मुख्यमंत्री बनते ही वक्फ कानून वे फाड़ फेंकेंगे तेजस्वी

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आजकल मंत्रिमंडल बनाने में जुटे तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही संसद द्वारा बनाया गए और राष्ट्रपति द्वारा आदेशित वक्फ कानून वे फाड़ फेंकेंगे । ठीक भी है , बिहार में जंगलराज की बातें यूँ ही थोड़े ही होती हैं । फिर यूनिवर्सिटी में पढ़े लिखे लालू यादव जब गरीबों की जमीनें डकार सकते हैं , पशुओं का चारा खा सकते हैं , अंगूठा छाप राबड़ी को सीएम बना सकते हैं तो संसद में बना कानून क्यों नहीं फाड़ सकते तेजस्वी ? कहते हैं कि तेजस्वी तो पढ़े ही बहुत कम हैं । फिर पढ़ाई से होता क्या है ? राहुल गांधी तो बहुत पढ़े लिखे हैं , विदेशों में शिक्षा पाई है । उन्होंने नहीं फाड़ फेंका था क्या मनमोहन सिंह के सामने अपनी ही सरकार का अध्यादेश ?

रही बात तेजस्वी द्वारा चुनाव परिणाम आने से पहले ही अपनी भावी कैबिनेट बना लेने की । तो इसमें भी क्या आश्चर्य । उनके गुरु राहुल गांधी ने भी तो 2019 में लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पूर्व अपनी फुल कैबिनेट बना डाली थी ? नतीजे आने पर राहुल तो विदेश चले जाते हैं , सो उन्हें तो फर्क नहीं पड़ता । नतीजे खराब आए तो तेजस्वी भी निकल लेंगे गुरु के साथ ? इतना लिहाज तो करेंगे ही राहुल । आखिर उन्होंने भी तो लालू के घर का नमक खाया है । याद है न सावन में क्या क्या पकाना सीखने गए थे तेजस्वी के घर ! अब क्या सीखा , क्या पकाया , क्या खाया यह हम नहीं बताएंगे ? आप जानते ही हैं हमें पूरा भरोसा है ।

वैसे भी राजनीति में इतना बारीक कौन जाता है ? भाई आम खाओ पेड़ मत गिनों ? आपने तो नवरात्र में मुकेश सहनी के साथ तेजस्वी का वह वीडियो भी देखा था जिसमें वे कार में बैठे बड़े चाव से खा रहे थे , दिखा रहे थे । चुनाव की गर्मी छठ पूजा में भी नहीं रुकी आज से और तेज हो जाएगी । तेजस्वी यादव वास्तव में राहुल गांधी के चेले हैं । उन्होंने तो संसद में कह दिया था कि तपस्या से गर्मी आती है । तो छठ बीतते ही तप की गर्मी तेजस्वी में आएगी । रही बात राहुल की ; तो जब एटम बम न चला और हाइड्रोजन बम भी फुस्स हो गया तो बिहार छोड़ वे तो तपस्या में लीन हो गए ।

अब तपस्या से जुटाई गर्मी निकालने के लिए स्टार प्रचारक के बतौर बिहार आ सकते हैं । जरा देखते जाइए और बिहारियों को पढ़ते जाइए । तेजस्वी को यह तो पता होगा कि देश उसी संविधान से चलता है जो उनके गुरु आजकल लाल किताब के पॉकेट बुक साइज में जेब में लिए फिरते हैं । उस संविधान में लिखा है कि संसद द्वारा पारित किसी भी बिल पर जब राष्ट्रपति हस्ताक्षर कर देते हैं तो वह देश का कानून बन जाता है । मिस्टर तेजस्वी यादव आप तो क्या आपके बाप लालू भी वक्फ एक्ट को नहीं फाड़ सकते ? राहुल ने मनमोहन सिंह का अध्यादेश तब फाड़ा था जब वे किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे । अब तेजस्वी के साथ मंच पर फाड़कर दिखाएं वक्फ एक्ट तो जानें ?

,,,,,,,,कौशल सिखौला

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