
भारत ने अमेरिका द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के बगराम हवाई ठिकाने को हथियाने की मंशा का विरोध किया है. यह विरोध मॉस्को में सात अक्टूबर को आयोजित अफ़ग़ानिस्तान पर ‘मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशंस’ की सातवीं बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में व्यक्त किया गया.
इस बयान को भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, कज़ाख़िस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है.
इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान शासन के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्तक़ी को ‘समूह के एक सदस्य’ के रूप में स्वीकार किया गया है. मुत्तक़ी नौ अक्टूबर को भारत की पाँच दिनों की यात्रा पर आ रहे हैं. भारत और अन्य देशों को तालिबान शासन को मान्यता दे देनी चाहिए ताकि वहाँ विकास, शांति एवं स्थिरता को बल मिल सके.
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प बगराम सैन्य ठिकाने को वापस करने के लिए कई बार कह चुके हैं और उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान को धमकी भी दी है. यह हवाई अड्डा और अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के समझौते पर ट्रम्प ही अपने पहले कार्यकाल में सहमत हुए थे. अगस्त 2021 में अमेरिका से भागने से पहले अमेरिकी सेना ने उस ठिकाने को छोड़ दिया था.
ट्रम्प का कहना है कि इस अड्डे को अमेरिका ने बनाया है. यह झूठ है. असल में इसे सोवियत संघ ने बनाया था. इस अड्डे को हथियाने की कोशिश एशिया में अमेरिका के हस्तक्षेप की वापसी की कोशिश का एक हिस्सा है.

−प्रकाश के राय