पर्यटन का खजाना है भारत

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विश्व पर्यटन दिवस

बाल मुकुंद ओझा
विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यटन दिवस
मनाने का अर्थ है अधिक से अधिक जगह पर घूमने जायें, वहां सुन्दर और मन को मोह लेने
वाले स्थलों का आनंद लें। इन सुन्दर यादों को सहेजकर रखने से बहुत कुछ सीखा जा
सकता है। यह दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यटन का महत्व जगाने तथा अर्थव्यवस्था
को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक बनाना है। वर्ष 2025 की थीम पर्यटन
और सतत परिवर्तन रखी गई है। इन पंक्तियों के लेखक ने अपनी योरोप यात्राओं के दौरान
लंदन सहित ब्रिटेन के विभिन्न शहरों के दर्जनों पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण किया। विशेषकर यूके
के पर्यटन स्थलों पर अनुशासन, शांति, साफ़ सफाई और विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी
व्यवस्थाएं बहुत जबरदस्त और मंत्रमुग्ध करने वाली थी। देशी विदेशी पर्यटक बिना सुरक्षा
व्यवस्था भ्रमण करते देखे गए। ब्रिटेन के लोग अपने पर्यटन स्थलों से बहुत प्यार करते है।
वे इन स्थलों को अपनी जान से भी ज्यादा सुरक्षित रखते है।
वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल की 2024-25 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने दुनिया की
आठवीं सबसे बड़ी टूरिज्म इकॉनमी का दर्जा हासिल किया है। जापान और फ्रांस जैसे
विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए भारत ने 231.6 अरब डॉलर (लगभग 19.4 लाख करोड़
रुपये) की पर्यटन आय के साथ इस सूची में अपना स्थान बनाया है। अनुमान है कि अगले
दशक में भारत चौथे स्थान पर पहुंच सकता है। भारत में जीएसटी सुधार के बाद पर्यटन क्षेत्र
में जबरदस्त उछाल की उम्मीद है। नीति आयोग के ‘विकसित भारत @2047’ दृष्टिकोण पत्र
के अनुसार, भारत का लक्ष्य वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है,
जिसमें प्रति व्यक्ति आय 18,000 डॉलर प्रति वर्ष होगी, जो वर्तमान 3.36 ट्रिलियन डॉलर और
2,392 डॉलर प्रति वर्ष से अधिक है।
भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 6.23
प्रतिशत और भारत के कुल रोज़गार में 8.78 प्रतिशत योगदान है। यह क्षेत्र जीडीपी और
रोजगार सृजन दोनों में योगदान दे सकता है। 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था में 20 लाख
करोड़ रुपये का भारी योगदान देने की क्षमता रखता है। इस प्रभावशाली वित्तीय निवेश के
अलावा, इसमें 13 से 14 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है। एक रिपोर्ट्स
के मुताबिक भारतीय आउटबाउंड पर्यटन का बाजार 2024 तक 42 अरब डालर 2025 तक 45

अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह दुनिया का तेजी से विकसित होता बाजार
है जहां 8 करोड़ पासपोर्ट यूजर्स, खासतौर पर मध्यम वर्ग में अच्छी खरीद क्षमता है। भारत
सरकार के मुताबिक देश का पर्यटन क्षेत्र 2024 के मध्य तक महामारी-पूर्व स्तर पर आ
जाएगा और देश के जीडीपी में 2030 तक 250 अरब डॉलर का योगदान देगा।
देश के कण कण में पर्यटन स्थल बिखरे पड़े है। इनमें धार्मिक स्थलों की तरफ लोग अधिक
आकर्षित हुए है। भारत में लगभग 30 लाख धर्मस्थल हैं। देश के बहुत से धार्मिक स्थलों पर
लाखों लोगों का आना जाना लगा रहता है। आवश्यकता इस बात की है कि इन स्थलों पर
सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ कराई जाये ताकि ये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होकर
रोजगार और अर्थव्यवस्था की धुरी बन सके। अयोध्या में राम लला के मंदिर की प्राण
प्रतिष्ठा के बाद देश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की ऐतिहासिक शुरुआत हुई है।
पुरी, वाराणसी और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों के बाद अब अयोध्या नगरी देश के ही नहीं
अपितु दुनिया के बड़े धार्मिक केन्द्र के रूप में विकसित होंगी। इससे हमारे धार्मिक पर्यटन
को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
भारत एक ऐसा देश हैं जहां एक से बढ़कर एक प्राकृतिक परिदृश्य देखने को मिलते हैं। यहां
आकर आप ऐसी घाटियों और गांवों की सैर कर सकते हैं जिसे अब तक ज्यादा एक्सप्लोर
नहीं किया गया है। पर्यटन की दृष्टि से भारत विश्व का एक अजब गजब देश है जहाँ समुद्र
से लेकर जंगल और बर्फ से लेकर रेगिस्तान तक देखने को मिल जायेंगे। हरे-भरे घास के
मैदान और पथरीली जमीन भी आपको यहीं मिल जाएगी। पर्यटन की दृष्टि से भारत में
घूमने लायक कई ऐसी जगहें हैं जो अपनी खूबसूरती से आपका मन मोह लेंगी। देश की शान
ताजमहल, कश्मीर, कन्या कुमारी, गोवा, केरल, जयपुर, दिल्ली, दार्जीलिंग, उत्तराखंड का पहाड़ी क्षेत्र
आदि मंत्रमुग्ध करने वाले स्थल इसी देश में है। इंडिया गेट, हुमायूँ का मकबरा, कुतुब मीनार,
बुलंद दरवाजा, लाल किला आगरा, चारमीनार, गेटवे ऑफ इंडिया, लोटस टैंपल, खजुराहो, साँची,
हम्पी, अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं उदयगिरि गुफाएँ इलौरा आदि देश के पर्यटन क्षेत्र
बरबस आपको अपनी और खिंच लेते है। विविधता और प्राकृतिक सुन्दरता से भारत पर्यटन
के लिए हर किसी की पसंदीदा जगह हैं। देश के पहाड़ी क्षेत्र गर्मियों के रिसॉर्ट्स बने रहते हैं।
इनमें पचमढ़ी, अरकु, गुलमर्ग, श्रीनगर, लद्दाख, दार्जिलिंग, मुन्नार, ऊटी और कोडाइकनाल,
शिलांग, शिमला, कुल्लू, मसूरी, देहरादून नैनीताल, गंगटोक आदि प्रमुख है।

बाल मुकुंद ओझा
डी 32 मॉडल टाउन, जयपुर

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