देवमंजनी( नारीदमदमी)

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नारी धमनी को आयुर्वेद का पैरासिटामोल कहा जाता है यह बुखार की आयुर्वेदिक औषधि है जो पैरासिटामोल से तेज असर करती है…. नारी_दमदमी

चिकन गुनिया बुखार की नारी दमदमी अचूक औषधि है। जब-जब भी इसका उपयोग किया बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई।

यह बात बिल्कुल सत्य और अनुभूत है नारी दमदमी से बुखार जड़ से चला जाता है इसका बहुतों ने उपयोग किया है इसके पौधे को पानी से साफ करने के बाद में सिलवट पर बांटा जाता है बांटने के बाद इसमें नीम की कोपल और गुटवेल और थोड़ी सी अजवाइन और दो-चार काली मिर्च इनको डाल करके सिलवट पर पीसकर इसका रस एक बर्तन पर कपड़े से छानकर एक गिलास में रख लो ।इसके बाद मिट्टी के दिया को आग में गर्म कर दो ।गर्म करने के बाद में उस दिए को एक बर्तन में रखकर उस दवाई को दिए में डाल दो ।भाप लो ।इसके बाद में उसको पी जाओ और कपड़ा उड़कर सो जाओ।
अनुभव
(राम शरण )जी का अनुभव नारी दमदमी का नाम प्रतापगढ़ जिले में देव मंजनी नाम से जानते हैं बुखार के लिए रामबाण दवा है इसको मैं बुखार में स्वयं पिया है बहुत कड़वी होती है लेकिन बुखार एक ही बार में उतर जाता है बुखार का पता ही नहीं लगता कब बुखार आई कब खत्म हो गई पता ही नहीं लगता।

राधेश्याम पाल जी का कमेंट इसका नाम नामी है। इसे तीन दिन तक काडा बनाकर पीलें एक कप। साल भर तक बुखार नही आएगा।

नारी दमदमी को ताजी पांच ग्राम जड़ सहित पूरे पौधे को लेकर कूट लें । तीन कालीमिर्च पीसकर चार कप पानी में उबाल लें ।जब एक कप बचे तब उसे छान कर सुबह खाली पेट पीने से बुखार दूर हो जाता है। सात खुराक( सात दिन)से अधिक नहीं पीना चाहिए ।यह औषधी गर्म और शुष्क है । इस औषधि के सेवन करने के समय घी का सेवन अधिक करें।
(

यशपाल सिंह, आयुर्वेद रतन

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